मंडल कमीशन के दौर के बाद से भारत में तथाकथित सवर्ण नए वाले अछूत बने। कोई भी राजनैतिक दल इनके भले की कोई भी बात करने से बचता रहा। बिहार के 2010 के विधानसभा चुनावों के दौर में स्थिति बदली और लालू यादव और राजद ने अचानक सवर्णों के लिए आरक्षण की बात शुरू कर दी। जब नीतीश कुमार ने 2010 में सरकार बनाई तो सवर्ण आयोग का गठन हुआ और 2013 में आयोग ने आपनी रिपोर्ट भी जमा की।
उसके बाद ये चर्चा ठन्डे बस्ते में चली गयी। ये रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गयी। आखिर क्या वजह थी कि ये बताया नहीं गया कि इस रिपोर्ट में था क्या? इस रिपोर्ट की जो जानकारी सार्वजनिक है वो कई समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी। उन्हें पढ़ने में रूचि हो तो आप उन्हें लिंक से देख सकते हैं।
1. दैनिक भास्कर – https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/read-the-report-of-the-upper-caste-commission-before-caste-census-131692184.html
2. नवभारत टाइम्स – https://navbharattimes.indiatimes.com/state/bihar/patna/upper-caste-commission-report-bihar-upper-castes-economic-condition-is-disarray-questions-raised-on-lalu-yadav-and-nitish-kumar-regime/articleshow/102800022.cms
Caste Census in Bihar
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जय भवानी🚩
समीचीन वीडियो है। पसंद आया।