फेक न्यूज़ सोशल मीडिया और पंचतंत्र की कहानी || Fake News Social Media & Panchatantra



सोशल मीडिया के दौर में जब फेक न्यूज फैलाना और भी आसान हो गया है तब हिन्दी की “बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताए” वाली कहावत और प्रासंगिक हो जाती है। पंचतंत्र के पाँचवें भाग – अपरीक्षितकारक, की देवशर्मा नामक ब्राह्मण और उसके पालतू नेवले की कहानी यही शिक्षा देती है कि भावनात्मक उद्वेग में कोई कदम उठाने से पहले थोड़ा ठहरकर सोच-विचार कर लेना चाहिए।
इसके अलावा कई बार अनुवाद की समस्या के कारण भी गलतियाँ होती हैं, जैसे पंडित का अंग्रेजी अनुवाद करते समय Expert या Knowledgeable लिखने के बदले Priest लिख देने से हाल ही में ANI को माफी मांगनी पड़ी। राजीव मल्होत्रा की पुस्तक “संस्कृत अनट्रांसलेटेबल्स” ऐसे ही कई शब्दों की बात करती है।

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By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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