तपस्या — जो जा रहा है वक्त | Poetry By Ankit Paurush | The Ankit Paurush Show

Please subscribe to us at – https://bit.ly/3ynybJR

Connect us – https://www.facebook.com/ankitsinghss

https://www.instagram.com/ankitpaurush

Video Edited By : https://instagram.com/enoough?igshid=ZGUzMzM3NWJiOQ==

#theankitpaurushshow
#poetrybyankitpaurush
#upsc
#iasmotivation
#ias
#iit
#entranceexam
#aiimsentranceexam
#iitmotivation
#comptetiveexams
#urdupoetry
#shayari
#hindikavita
#motivation
#motivationalvideo
#motivationalspeech

जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है,
जब आएगा , वो मेरा दौर होगा,
सोने की तरह आग में तप रहा हूं,
जब उगूंगा तो सूरज के तरह चमक होगी,
जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है।

स्वाभिमान का सूरज हूं मैं,
अभिमान की न कोई झलक होगी,
थोड़ा हार गया समय के खेल में,
सात घोड़ों के रथ में, मेरी विजय होगी।
जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है,
जब आएगा वक्त, वो मेरा दौर होगा।

सूरज का काम है उगना,
मेरे अंदर भी एक सूरज है,
जब आएगा मेरा दौर,
घर घर के आंगन में मेरी चमक होगी।
जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है,
जब आएगा वक्त, वो मेरा दौर होगा।

जो साथ दे रहा है मेरा,
हृदय के आंगन में, उसकी हमेशा जगह होगी,
सूरज हूं, बिलकुल उगुंगा,
थोड़ा तप रहा हूं,
जब उगूंगा तो दूर दूर तक मेरी चमक होगी।

जो सोचा है वो करके दिखाऊंगा,
हार गया तो क्या?
फिर खड़ा हो जाऊंगा,
दर्द को ही दवा बनाऊंगा,
दुआएं इतनी हैं आज नहीं तो कल जीत जाऊंगा,
सीना तान कर पहाड़ों को चुनौती दे जाऊंगा,
सोना भी घिस घिस कर निखरता है,
मैं भी निखर जाऊंगा,
हां हां मैं जिद्दी हूं।

जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है,
जब आएगा वक्त, वो मेरा दौर होगा,
सोने की तरह आग में तप रहा हूं,
जब उगूंगा तो सूरज के तरह चमक होगी,
जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है।

जितना इम्तिहान लेना है, ले ले ए वक्त,
आज तेरा है ,
कल मेरा भी आयेगा,
जा देता हूं तुझको चुन्नोती,
आंखों में आशाएं जब भी थी,
आंखों में आशाएं अब भी है,
उम्मीद पर दुनिया कायम है,
मेरे अंदर भी एक दुनिया है,
उस दुनिया को बाहर लाऊंगा,
सम्हालूंगा, सजाऊंगा,
हार गया तो क्या, फिर जीत जाऊंगा।

जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है,
जब आएगा वक्त, वो मेरा दौर होगा,
सोने की तरह आग में तप रहा हूं,
जब उगूंगा तो सूरज के तरह चमक होगी,
जो जा रहा है वक्त, वो मेरी तपस्या है।

अंकित पौरुष

By Ankit Paurush

अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

5 thoughts on “तपस्या — जो जा रहा है वक्त | Poetry By Ankit Paurush | The Ankit Paurush Show”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed