Author: Prahlad Sabnani

लेखक परिचय :- श्री प्रह्लाद सबनानी, उप-महाप्रबंधक के पद पर रहते हुए भारतीय स्टेट बैंक, कारपोरेट केंद्र, मुम्बई से सेवा निवृत हुए है। आपने बैंक में उप-महाप्रबंधक (आस्ति देयता प्रबंधन), क्षेत्रीय प्रबंधक (दो विभिन्न स्थानों पर) पदों पर रहते हुए ग्रामीण, अर्ध-शहरी एवं शहरी शाखाओं का नियंत्रण किया। आपने शाखा प्रबंधक (सहायक महाप्रबंधक) के पद पर रहते हुए, नई दिल्ली स्थिति महानगरीय शाखा का सफलता पूर्वक संचालन किया। आप बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग, कारपोरेट केंद्र, मुम्बई में मुख्य प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहे। आपने बैंक में विभिन पदों पर रहते हुए 40 वर्षों का बैंकिंग अनुभव प्राप्त किया। आपने बैंकिंग एवं वित्तीय पत्रिकाओं के लिए विभिन्न विषयों पर लेख लिखे हैं एवं विभिन्न बैंकिंग सम्मेलनों (BANCON) में शोधपत्र भी प्रस्तुत किए हैं। श्री सबनानी ने व्यवसाय प्रशासन में स्नात्तकोतर (MBA) की डिग्री, बैंकिंग एवं वित्त में विशेषज्ञता के साथ, IGNOU, नई दिल्ली से एवं MA (अर्थशास्त्र) की डिग्री, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से प्राप्त की। आपने CAIIB, बैंक प्रबंधन में डिप्लोमा (DBM), मानव संसाधन प्रबंधन में डिप्लोमा (DHRM) एवं वित्तीय सेवाओं में डिप्लोमा (DFS) भारतीय बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान (IIBF), मुंबई से प्राप्त किया। आपको भारतीय बैंक संघ (IBA), मुंबई द्वारा प्रतिष्ठित “C.H.Bhabha Banking Research Scholarship” प्रदान की गई थी, जिसके अंतर्गत आपने “शाखा लाभप्रदता - इसके सही आँकलन की पद्धति” विषय पर शोध कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न किया। आप तीन पुस्तकों के लेखक भी रहे हैं - (i) विश्व व्यापार संगठन: भारतीय बैंकिंग एवं उद्योग पर प्रभाव (ii) बैंकिंग टुडे एवं (iii) बैंकिंग अप्डेट (iv) भारतीय आर्थिक दर्शन एवं पश्चिमी आर्थिक दर्शन में भिन्नता: वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय आर्थिक दर्शन की बढ़ती महत्ता latest Book Link :- https://amzn.to/3O01JDn

भारत में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना ही होगा

भारत में जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना ही होगा भारत अपनी ऊर्जा की कुल आवश्यकता का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा कच्चे तेल के रूप में आयात करता है…

भारत-पश्चिमी एशिया-यूरोप के मध्य नया आर्थिक गलियारा करेगा भारतीय संस्कृति का विस्तार

आज विश्व के कई देश विभिन्न प्रकार की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। जबकि भारत न केवल आर्थिक बल्कि राजनैतिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में भी तुलनात्मक…

भारत एक बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर

वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से आर्थिक क्षेत्र में, भारत आज अपने स्वर्णिम काल में प्रवेश कर गया है। जनसंख्या की दृष्टि से भी भारत आज विश्व में प्रथम स्थान…

वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बढ़ती भारत की भागीदारी

भारत, पूरे विश्व में, पहिला देश है जिसने चन्द्रयान-3 को चन्द्रमा के दक्षिणी पोल पर सलतापूर्वक उतार लिया है। अन्यथा, विश्व का कोई भी देश, अमेरिका, रूस एवं चीन सहित,…

भारत का सांस्कृतिक वैभव एक नया आकार ले रहा है

भारतीय सनातन संस्कृति, सभ्यता और परम्पराएं विश्व में सबसे अधिक प्राचीन मानी जाती है। भारतीय संस्कृति को विश्व की अन्य संस्कृतियों की जननी भी माना गया है। भारत की संस्कृति…

भारतीय संस्कृति वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बनने की ओर अग्रसर

भारत आदि काल से ही एक जीता जागता राष्ट्र पुरुष है, यह मात्र एक जमीन का टुकड़ा नहीं है। भारत के कंकड़ कंकड़ में शंकर का वास बताया जाता है।…

कमजोर मानसून एवं घटते निर्यात से भारत की आर्थिक विकास दर कम प्रभावित होगी

भारत में विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में विकास से सम्बंधित हाल ही में जारी किया गए आंकड़ों का विश्लेषण करने पर ध्यान में आता है कि भारत, दुनिया की सबसे तेज…

चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट का लाभ भारत को मिल सकता है

वैश्विक स्तर पर आ रही विभिन्न आर्थिक समस्याओं के बीच, वित्तीय वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही, अप्रेल-जून 2023, में सेवा क्षेत्र में हुए अतुलनीय सुधार के चलते भारत के सकल…

वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है भारत का प्रभाव

अभी हाल ही में ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ नामक एक रिसर्च संस्था द्वारा जी-20 समूह के 24 देशों में, फरवरी 2023 से मई 2023 के बीच, एक ओपिनियन पोल यह जानने…

भारत के प्रति पश्चिमी देशों को बदलना होगा अपना नजरिया

अंततः भारत चल पड़ा है विश्व गुरु बनने की राह पर। परंतु, पश्चिमी देशों में कुछ विघनसंतोषी जीवों को शायद यह रास नहीं आ रहा है क्योंकि भारत, ब्रिटेन का…