कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा बिहार संगीत नाटक अकादमी पटना के संयुक्त तत्वावधान में प्रेमचंद रंगशाला पटना में बिहार दिवस के अवसर पर पांच दिवसीय महिला नाट्य उत्सव 2025 के तृतीय दिन आज दरभंगा की नाट्य संस्थान वॉइस इंटू थियेटर के द्वारा सुश्री मंजरी मणि त्रिपाठी के निर्देशन में नाटक ईहा का मंचन किया गया।

ईहा नाटक स्लम के उन बच्चों के बारे में है जो शिक्षा से वंचित हैं जो, जंगली फूल की तरह उग गए हैं और अपने वजूद का खाद और पानी भी खुद ही जुटा रहे हैं। उनके पास ना उनके हिस्से की धरती है और ना ही आसमान। यह नाटक उन बच्चों के जीवन पर प्रकाश डालता है, जो शिक्षा से वंचित हैं। उसी तबके की एक बच्ची है ईहा, जो अपने अस्तित्व के लिए वहाँ संघर्ष कर रही है जहाँ सिर्फ अंधियारा है। ना उसके सर पर छत है और ना ही अपनी धरती । वो अपने सपने और ज़िम्मेदारियों के बीच जूझ रही है। ईहा अपना और अपनी बहन के जीवन का अंधकार शिक्षा के माध्यम से मिटाना चाहती है। वो परी का कहा समझ चुकी है कि शिक्षा ही उसे बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकती है।

एक छोटी बच्ची ईहा के इस जीवन यात्रा में दर्शक भी साथ साथ चलते रहे। दर्शकों ने समाज के हाशिए पर खड़े बच्चों के दर्द को भी महसूस किया। नाटक ईहा ने दर्शकों की खुब तालियां बटोरी।
मंच पर
ईहा – लक्ष्मी, ईहा की बहन – सुर्वी दिशा, ईहा की माँ – रोमा, बुआ – राखी, पिता – विक्की, परी – खुशी, सीनू – रोली, सीनू पिता – आनंद, ऑफिसर – अंकित, इडली वाला l – बादल, भूजा वाला – डुग्गु, वाशु – दिशा, मां – नेहा, मोहल्ले वाले – नैतिक, समर, रोमा, रौशनी , राहुल सिमर, सानवी, दिशा। साथ ही नुक्कड़ मंच पर नया रंग मुजफ्फरपुर नाट्य संस्थान के द्वारा नुक्कड़ नाटक “माना की सब कुशल मंगल है?” का मंचन भी किया गया। मंच संचालन सुश्री रुबी खातून के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में बिहार संगीत नाटक अकादमी के सचिव श्री अनिल कुमार सिन्हा, सहायक सचिव सुश्री कीर्ति आलोक, वरिष्ठ रंगकर्मी एवं अन्य प्रबुद्ध कलाकारगण उपस्थित थे।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *