EarthSky के मुताबिक, ‘लिरिड उल्का बौछार’ शुक्रवार 21 अप्रैल की देर रात से 22 तारीख की अलसुबह तक जारी रहेंगी। लिरिड नाम लायरा तारामंडल से जुड़ा है। वहीं से ‘लिरिड उल्का बौछार’ की शुरुआत होती है। भारत में भी इन्हें देखने की उम्मीद बन रही है। 21 तारीख की रात से इन्हें देखा जा सकता है, हालांकि इस बारे में पुख्ता अपडेट अभी नहीं है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तरी अमेरिका में भी लोग इस नजारे को बेहतर देखने की उम्मीद कर सकते हैं।
अमेरिकन मेटियोर सोसाइटी के अनुसार, यह उल्का बौछार जब पीक पर होगी, तब हर घंटे लगभग 18 उल्का दिखाई दे सकते हैं। इनका वेग 47 किलोमीटर प्रति सेकंड तक हो सकता है। इतनी तेज स्पीड उल्काओं को आग के गोले में बदलने के लिए पर्याप्त है। खास यह भी है कि ‘लिरिड उल्का बौछार’ को बीते 2700 साल से देखा जा रहा है। लाइव साइंस के मुताबिक, इसे सबसे पहले चीन में 687 ईसा पूर्व देखा गया था।
आसान नहीं है उल्का बौछारों को देखना
उल्का बौछारों को देखना आसान नहीं है। लोगों को कई बार पूरी रात इंतजार करना पड़ता है। इस नजारे को देखने के लिए आपको शहर की रोशनी से दूर ऐसी जगह पर जाना होगा, जहां रात गहराती हुई दिखे, मसलन- कोई ग्रामीण इलाका। अपने साथ एक कंबल और आरामदायक कुर्सी ले जाएं, क्योंकि घंटों इंतजार करना पड़ा सकता है। लोकेशन सेट होने के बाद जमीन पर लेट जाएं और आकाश को देखें।
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