क्यों है बदहाल  बिहार की शिक्षा व्यवस्था और विद्यालय?



बिहार की शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर की ओर बढ़ती जा रही है। सरकारी दावों में स्कूल अच्छे बताये जा रहे हैं और इसके लिए विद्यालयों को कागजों पर “उत्क्रमित” किया जा रहा है। नए शिक्षकों की बहाली लगभग शून्य पर है और अगर शिक्षक हैं ही नहीं, तो फिर मध्य विद्यालय का नाम बदलकर “उत्क्रमित उच्च विद्यालय” कर देने भर से क्या होगा? शिक्षा के मुद्दों पर बात करने के बदले शिक्षा मंत्री राम भरोसे बैठे हैं। शिक्षा की दुर्दशा पर बोल नहीं सकते तो रामचरितमानस पर विवादित बयान देने में जुटे हैं।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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