एस जयशंकर के बयान का विशलेषण करने में रब्बिश से क्या चुक हुई ? #sjaishankar



अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर जब बयान दिए जाते हैं तो कई बातें कूट सन्देश होती है इन्हें समझने के लिए इतिहास से संदर्भ लेना पड़ता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और संबंधो को भी देखना पड़ता है। रविश कुमार का विश्लेषण यहीं पर चूक जाता है। अपने वीडियो में रविश कुमार ये बताना भूल जाते हैं की स्वदेशी गांधी जी के समय से भारतीय लोगो के लिए एक भावनात्मक मुद्दा रहा है। भारतीय लोग जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद झेल चुकें हैं उन्हें चीन का बाजारों पर कब्जा करना कभी बर्दाश्त नहीं होगा। एस जयशंकर की इसी बात को रविश कुमार अपने विडियो में तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करते हैं।

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By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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