पहले एक चीज खरीदना, फिर दूसरी चीज की इच्छा जागना और इस तरह अंततः ऐसी कई चीजें खरीदकर इकठ्ठा कर लेना, जिनकी असल में हमें उतनी जरूरत भी नहीं होती, आजकल एक सामान्य मानवीय व्यवहार है. कुछ वर्ष पहले ऐसे कंज्यूमर बिहेवियर को “द ओवेरस्पेंट अमेरिकन” (1992) नाम की एक किताब में “डिडरो इफ़ेक्ट” कहा गया. ये नाम एक कहानी से आया है और इस वीडियो में हम देखते हैं कि इस कंज्यूमर बिहेवियर से जुड़ी कहानी का भगवद्गीता से क्या सम्बन्ध है?
भगवद्गीता में अन्वय – http://geetayan.com/bhagwad-gita-anvay-sanskrit-poetry/
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