जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 20 अप्रैल ::
लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपना अपना घोषणा पत्र जारी किया है। घोषणा पत्र में सभी पार्टियों ने केन्द्र में उनकी सरकार बनने पर इसे लागू करने की बात कही है। तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इंडी गठबंधन के हिस्से के रूप में केन्द्र में तृणमूल की सरकार बनने पर सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) को रद्द कर देगी। साथ ही एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) की प्रक्रिया रोक दी जायेगी। तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लागू नहीं करने का वादा किया है।
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में भारत को मैनुफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने, विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने, 3+ करोड़ और पक्के मकान बनाने, घर-घर पाइप से सस्ती रसोई गैस पहुंचाने, पीएम सूर्यघर योजना से बिजली बिल ज़ीरो करने, गगनयान की सफलता से अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने, देश में बुलेट ट्रेन लाने, बुजुर्गों को 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज सुविधा देने जैसे वादे कर रहे है।
तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर मनरेगा के तहत मानदेय 400 रुपये करने, सभी बीपीएल परिवारों को एक साल में 10 सिलेंडर मुफ्त देने, दुआरे राशन स्कीम को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने और प्रत्येक राशन कार्ड धारक को उनके निवास स्थान पर पांच किलो मुफ्त राशन पहुंचाने, 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को 1000 रुपये प्रति माह पेंशन दने, सभी नागरिकों को 10 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस कवर देंने, लक्ष्मी भंडार योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने (जिसके तहत महिलाओं को एक निर्धारित मासिक राशि दी जायेगी), 25 वर्ष तक के सभी ग्रेजुएट और डिप्लोमा धारक युवाओं को मासिक स्टाइपेंड के साथ एक वर्ष की अप्रेंटिसशिप (किसी भी क्षेत्र में ट्रेनिंग) देने, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को 10 लाख रुपये तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की राशि तीन गुना बढ़ाने का वादे किए गए हैं।
वहीं कांग्रेस अन्य वादों के अलावा भारत के संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 25, 28, 29 और 30 के तहत अल्पसंख्यकों को मिलने वाले मौलिक अधिकारों का आदर करेगी और उन्हें बरकरार रखेगी। अनुच्छेद 15 और 16 का विस्तार करेगी। 2025 से महिलाओं को विधान सभाओं में एक तिहाई आरक्षण देगी…..।
राजद ने अपनी घोषणा पत्र में केन्द्र में एक करोड़ नौकरी देने, 500 रुपये में गैस सिलिंडर देने, गरीब परिवार की महिलाओं को प्रतिवर्ष एक लाख रुपये की सहायता देने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने, 200 यूनिट फ्री बिजली देने, स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिश लागू करने, सेना में 4 वर्षीय अग्निवीर योजना को बंद करने……. जैसे वादे किए गए है।
घोषणा पत्रों के मुख्य विंदुओं को देखने से यह संशय उत्पन्न होता है कि जनता का रूख किस ओर जायेगी यह कहना मुश्किल है। लेकिन यह तो कहा ही जा सकता है कि बुद्धिजीवियों के वर्ग जो वैश्विक विचार रखते हैं उनका रुख निश्चित ही भाजपा की ओर घूमेंगी। वहीं जिनका विचार संविधान से प्रेरित रहता है वे कांग्रेस की ओर, और जो आरक्षण पर विश्वास रखता है या मुफ्त सहायता चाहता है उनका रूख अन्य पार्टियों की ओर जायेगा। सात चरण में होने वाले चुनाव में पहली चरण का मतदान 19 अप्रैल को सम्पन्न हो गया है। शेष 6 चरण का मतदान 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होगी। मुझे लगता है कि इस लंबी अवधि में मतदाताओं को पार्टियों की घोषणा पत्र को समझने का समय मिल जायेगा और ऐसी स्थिति में मतदान समाप्त होने तक पार्टियों की स्थिति में उतार चढ़ाव आयेगा और चुनाव परिणाम क्या होगा किस पार्टी की ओर जायेगा यह पहले चरण से सातवें चरण तक हुए मतदानों की गिनती 4 जून को होने पर ही पता चलेगा।
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