पटना. पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई एसडीपीआई और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोपी रहे गिरफ्तार अतहर परवेज को थाने से भगाने की साजिश रची गई थी. इस बात का खुलासा इस मामले में गिरफ्तार अरमान मलिक के मोबाइल की कॉल डिटेल के आधार पर हुआ है

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फुलवारी शरीफ थाने में अतहर परवेज को जब गिरफ्तार कर लाया गया था, इसी दौरान अरमान मलिक को रियाज ने फोन किया. रियाज ने अरमान से अतहर परवेज को किसी तरह थाने से बाहर निकालने की बात कही. लेकिन अरमान पर पुलिस की लगातार नजर थी और अगले ही दिन अरमान भी गिरफ्तार कर लिया गया. मोबाइल में इससे जुड़ा पुख्ता साक्ष्य पटना पुलिस के हाथ लगा है.

पुलिस सूत्रों की मानें तो एटीएस, जिला पुलिस और एनआईए टीम की पूछताछ में इस बात की जानकारी मिली है कि 5 महीने पहले ही अतहर एटीएस ऑफिस के पास पहुंचा था. उसके संपर्क में एटीएस के 2 विंग अधिकारी रहे थे. अधिकारी संपर्क में क्यों थे, वह एटीएस ऑफिस के पास क्यों गया, वह किन-किन लोगों से मिला – जैसे तमाम पहलुओं पर जानकारी इकट्ठा की जा रही है. पूरे मामले पर फिलहाल पुलिस कुछ भी बोलने से मना कर रही है.

फिलहाल पुलिस रियाज की कुंडली खंगालने में जुटी हुई है. पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है कि पीएफआई को फंडिंग न केवल देश के अंदर बल्कि दूसरे देशों से भी लगातार की जाती रही है. सूत्रों की मानें तो पड़ताल में यह बात सामने आई है कि दोहा की संस्था रास लाफ़ेल की भी इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है.

बताया जा रहा है कि कई बार पीएफआई को उसके अभियान के लिए फंडिंग कर चुकी है. यह संस्था टैलेंट सर्च के नाम पर युवाओं का ब्रेनवाश कर इंडिया में मूवमेंट चलाती रही है. इसमें मुस्लिम युवाओं को अधिक से अधिक जोड़ने का टारगेट रखा गया था. केएम आरिफ और अब्दुल अजीम समेत 12 लोग इसके सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं. वैसे पीएफआई की फंडिंग को लेकर ईडी ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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