नेता का कहना है कि विधान परिषद में पीडीएफ की मजबूत उपस्थिति समय की जरूरत है


रविवार को ओंगोल में एमएलसी चुनाव में पीडीएफ उम्मीदवारों को समर्थन देने का संकल्प लेते शिक्षक संगठनों और श्रमिक संघों के नेता। फोटो: व्यवस्था

आंध्र प्रदेश विधान परिषद में प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के नेता वितापु बालासुब्रह्मण्यम ने ऊपरी सदन में पीडीएफ की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि पार्टी सार्वजनिक मुद्दों को और अधिक मजबूती से उठा सके।

रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘जनविरोधी’ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार के खिलाफ लड़ाई तेज की जानी चाहिए।

बैंकिंग, बीमा सहित विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षक संगठनों और श्रमिक संघों की एक बैठक में भाग लेते हुए उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निरंकुश जगन मोहन रेड्डी सरकार पुलिस बल का उपयोग करके शिक्षकों और अन्य वर्गों के आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है।” , रेलवे, डाक और दूरसंचार।

विधान परिषद में पीडीएफ एमएलसी के प्रदर्शन को देखते हुए लोगों को पार्टी लाइन से ऊपर उठकर स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से एमएलसी चुनावों में पीडीएफ के उम्मीदवारों का समर्थन करना चाहिए।

आंध्र प्रदेश यूनाइटेड टीचर्स फेडरेशन (APUTF) के राज्य सचिव केएसएस प्रसाद ने पीडीएफ एमएलसी उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने के लिए एक बैठक के बाद कहा कि संघ अंशदायी पेंशन योजना (सीपीएस) को खत्म करने की मांग को लेकर अपने आंदोलन को तेज करेगा। उन्होंने कहा, ”हम राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित गारंटीकृत पेंशन योजना (जीपीएस) के पक्ष में नहीं हैं।

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) सहित सत्तर शिक्षक संगठनों और श्रमिक संघों ने एमएलसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से पीडीएफ एमएलसी उम्मीदवारों वाई. वेंकटेश्वर रेड्डी और एमएलसी से पी. बाबू रेड्डी को समर्थन दिया। इस मौके पर शिक्षक संघ।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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