लखनऊ. पूर्वांचल की थाती लोककला और पारंपरिक संस्कार गीतों और संस्कृतियों को संजोए हुए एक प्रतिष्ठित फिल्म व रंगमंच कलाकार, लेखक, निर्देशक अरविंद चित्रांश ने पूर्वांचल के सांस्कृतिक सौंदर्य का एक खाका अपने द्वारा लिखित लोकनाट्य ‘बिटिया की विदाई’ का सशक्त कलात्मक संयोजन करते हुए दुनिया में कला और संस्कृतियों के अस्तित्व को व्यापक विस्तार देने की भागीरथी प्रयास किए हैं,
पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम जी ने अरविंद चित्रांश द्वारा लिखित/निर्देशित लोकनाट्य ‘बिटिया का विदाई’ का अवलोकन करते हुए कहा कि देश विदेश में पर्यटन संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार, पर्यटन को एक जन उपयोगी उद्योग के रूप में विकसित कर रही है, जिससे धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, शिल्पकला और लोककला के महत्व के प्रदर्शन द्वारा पर्यावरण संरक्षित वातावरण के सृजन से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें, अरविंद चित्रांश ने कहा कि पूर्वांचल की धरती आजमगढ़ मंडल में भी सांस्कृतिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं, पर्यटकों को यहां की गौरवशाली संस्कृति, इतिहास और शिल्पकला और लोककला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पर्यटन स्थल के रूप में रेखांकित किया जाए, ताकि इस क्षेत्र के लोगों को भी लाभ मिल सके.

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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