Insaan Pada Zameen Par | Poetry By Ankit Paurush

इंसान पड़ा ज़मीन पर,
लोग समझे मर गया,
अब तक था सफर में,
अब वो अपने घर गया ।

जीने से मरने का सफर,
जीने से मरने का सफर,
तेरा ही कर्म कहलायेगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।

भर तू तिजोरी में दौलत,
वो भी न ले जा पायेगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।

तेरा ही करम, तेरा ही करम,
तुझे राजा या रंक बनाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।

रावण कि नाभि का अमृत,
रावण कि नाभि का अमृत,
भी न तुझको बचाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।

दिखा दे थोड़ी रेहमत,
भर दे थोड़ी मोहब्बत,
मरने के बाद भी,
तू अमर कहलायेगा,
लोगों के दिल में,
तू अपना घर बनाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।

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By Ankit Paurush

अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

8 thoughts on “इंसान पड़ा जमीन पर लोग समझे मर गया | Poetry By Ankit Paurush | The Ankit Paurush Show”
  1. Radhe kirshana sir🙏🏻🙏🏻
    Great lines
    Very Heart touching
    Zeevan ki sacchai
    Bahut khub
    Ab wo apne ghar gaya🙏🏻
    Khali hath jayega🙏🏻
    Wo bhi na le ja payega
    Raja ya rank bznyega
    Abhiman bhi rah jayega
    Bahut sunder lines sir
    Big like with huge respect 🙏🏻💐

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