संकटमोचन के आंगन में जीवंत हुई विश्वगुरु की कल्पना
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वाराणसी स्थित संकटमोचन के धाम में एक तरफ जहां संगीत की त्रिवेणी प्रवाहमान है, वहीं दूसरी तरफ विश्वगुरु की कलाकृति भी जीवंत किया गया। भारत को विश्वगुरु बनाने की परिकल्पना को ध्यान में रखकर काशी के कलाकारों ने इस कलाकृति को तैयार किया है। तिरंगे में सजे चित्र में एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री और दूसरी तरफ जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों को उकेरा गया है।
बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट प्रो. बीएन मिश्रा के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील विश्वकर्मा, अनिल शर्मा व कौशलेश के निर्देशन में कलाकारों ने छह दिनों में इस कलाकृति को साकार किया है।
प्रो. बीएन मिश्र ने बताया कि यह कलाकृति भारत के विश्वगुरु स्वरूप को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। पेंटिंग में दाहिने तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाथ जोड़कर जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत कर रहे हैं। चित्र को तैयार करने में चित्रकार बलदाऊ समेत कई कलाकारों ने सहयोग किया है।
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