टीएस सरकार।  28 अप्रैल से दो दिवसीय फूड कॉन्क्लेव की मेजबानी करने के लिए


हैदराबाद में खाद्य कॉन्क्लेव प्रचार सामग्री के अनावरण के अवसर पर उद्योग और आईटी मंत्री के टी रामाराव। | फोटो क्रेडिट: व्यवस्था

कृषि-खाद्य क्षेत्र पर ध्यान देने के साथ दो दिवसीय कार्यक्रम ‘द फूड कॉन्क्लेव 2023’ का आयोजन तेलंगाना सरकार द्वारा 28 अप्रैल से शहर में किया जाएगा।

यह इस दशक में भारतीय कृषि-खाद्य क्षेत्र के विकास के लिए प्रमुख चुनौतियों और अवसरों की पहचान करने पर गहन विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करेगा और सरकार और उद्योग के नेताओं के बीच 27 पैनल चर्चा, पांच गोलमेज सम्मेलन और 40 से अधिक आमने-सामने की बैठकें आयोजित करेगा।

यह शीर्ष 100 कृषि-खाद्य नेताओं, उद्योग और आईटी मंत्री के.टी. कार्यक्रम के लिए प्रचार सामग्री का अनावरण करने के बाद रामा राव ने ट्वीट किया।

यह कार्यक्रम कृषि, खाद्य तेल, डेयरी, जलीय कृषि और मांस और पोल्ट्री के आसपास पांच विषयगत ट्रैक की मेजबानी करेगा। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम-इंडिया, इंडियन वेजिटेबल ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IVPA), इंडियन डेयरी एसोसिएशन, हेफ़र इंटरनेशनल और सोसाइटी ऑफ़ एक्वाकल्चर प्रोफेशनल्स ने चर्चा के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है।

वर्तमान वैश्विक स्थिति के साथ चुनौतियों और अवसरों का एक अनूठा सेट पेश करने के साथ, राज्य और देश के लिए समान रूप से अवसरों को भुनाने के लिए एक समन्वित और परिकलित प्रयास की आवश्यकता है। प्रमुख हितधारकों को एक साथ आने और एक स्पष्ट रास्ता तय करने के लिए समय की आवश्यकता है। मंत्री ने एक विज्ञप्ति में कहा, “इस कार्यक्रम के माध्यम से हम एक ऐसा मंच तैयार करना चाहते हैं।”

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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