नमस्कार मेरा नाम है माला राज और आप देखना शुरू कर चुके हैं समाचार सार जिसमे हम दिखाते हैं आपको राष्ट्रीय खबरे जिनसे हो आपका सीधा सरोकार. 3 अगस्त 2023 को भी मेरी लापरवाही के कारण समाचार सार परसारित नही हो पाया इसलिए मै माला राज दर्शको से क्षमा मांगती हु और शो में हुए व्यवधान की पूरी जिम्मेदारी लेती हु बहरहाल  mini metro live पर समाचार सो रोज अपने निर्धारित समय रात्री के 9 बजे प्रकाशित हो जाता है . वहां पर रोज का show 9 बजे लिखित फॉर्मेट में उपलब्ध हो ही जाता है उसका लिंक विडियो के बयोरा वाले section यानि की discription में उपलब्ध है.  बहरहाल बढ़ते है खबरों की और

ये एपिसोड 26 है तारीख है 04 अगस्त  2023  है

सबसे पहले आज 4 अगस्त 2023 के मुख्य समाचार

  1. लोकसभा ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया
  2. उच्चतम न्यायलय ने खारिज की चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका कहा “हस्तक्षेप करना उचित नहीं”
  3. राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, भारत के शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी है
  4. सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के गैर-आक्रामक सर्वेक्षण की अनुमति दी
  5. यू.के. उच्चायोग ने युवा भारतीय महिलाओं के लिए ‘एक दिन के लिए उच्चायुक्त’ प्रतियोगिता शुरू की
  6. PM Modi देश भर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे
  7. CBSE 10th Compartment Result 2023 घोषित, ऐसे परिणाम देख सकते हैं छात्र
  8. Parliament: कम नहीं हो रहा सियासी संग्राम, शोर-शाराबे के Lok Sabha-Rajya Sabha की कार्यवाही स्थगित

अब समाचार विस्तार से 

  1. लोकसभा ने 4 अगस्त को भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया, जो संस्थानों की प्रबंधन जवाबदेही भारत के राष्ट्रपति को सौंपता है। विधेयक, जो 28 जुलाई को पेश किया गया था, मणिपुर में हिंसा पर विपक्षी सदस्यों के व्यवधान के बीच निचले सदन द्वारा पारित किया गया था। विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार का आईआईएम की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। प्रधान ने कहा, संस्थानों की प्रबंधन जवाबदेही राष्ट्रपति को सौंपी गई है और अकादमिक जवाबदेही आईआईएम के पास रहेगी। विधेयक के अनुसार, जो 2017 के आईआईएम अधिनियम में संशोधन करना चाहता है, राष्ट्रपति भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के विजिटर होंगे, जिनके पास उनके कामकाज का ऑडिट करने, जांच का आदेश देने और निदेशकों को नियुक्त करने के साथ-साथ हटाने की शक्तियां होंगी। “विज़िटर किसी भी संस्थान के काम और प्रगति की समीक्षा करने, उसके मामलों की जांच करने और विज़िटर द्वारा निर्देशित तरीके से रिपोर्ट करने के लिए एक या एक से अधिक व्यक्तियों को नियुक्त कर सकता है। बोर्ड विज़िटर को उचित समझे जाने वाली जांच की सिफारिश भी कर सकता है। उस संस्थान के खिलाफ जो अधिनियम के प्रावधानों और उद्देश्यों के अनुसार काम नहीं कर रहा है, “बिल में कहा गया है। आईआईएम अधिनियम के तहत, जो जनवरी 2018 में लागू हुआ और प्रमुख बी-स्कूलों को अधिक स्वायत्तता प्रदान की गई, प्रत्येक संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में 19 सदस्य होते हैं जिनमें केंद्र और राज्य सरकारों से केवल एक-एक प्रतिनिधि शामिल होता है। बोर्ड अपने शेष 17 सदस्यों को प्रतिष्ठित व्यक्तियों, संकाय सदस्यों और पूर्व छात्रों में से नामांकित करता है। बोर्ड नए निदेशकों और अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए खोज पैनल भी नियुक्त करता है, और बाद में यदि वह खोज पैनल की सिफारिशों से सहमत होता है तो नियुक्तियां करता है हालाँकि, संशोधन विधेयक के अनुसार, निदेशक की नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन पैनल में एक विजिटर द्वारा नामित व्यक्ति होगा।
  2. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अब हमारे लिए हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह देखते हुए कि एक संविधान पीठ मार्च में पहले ही उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया में जा चुकी थी और फिर भी कोई प्रतिकूल आदेश पारित करने से परहेज किया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अब हमारे लिए हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। संविधान पीठ पहले ही इस पर विचार कर चुकी है और फिर भी उस आदेश को पारित नहीं करने का फैसला किया है…इसकी पहले ही जांच की जा चुकी है। दूसरा दौर इसके बारे में जाने का सही तरीका नहीं होगा। जबकि एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि अदालत को अपेक्षित फाइलों को तलब करके चयन प्रक्रिया से गुजरना चाहिए, पीठ ने बताया कि यह पाठ्यक्रम पहले संविधान पीठ द्वारा अपनाया गया था। पीठ ने भूषण से कहा कि हमें इसमें दूसरी बार क्यों जाना चाहिए? यह वस्तुतः उनकी जगह पर कदम रखने जैसा होगा। वे फ़ाइल और अन्य सभी विवरण देख चुके हैं। उन्होंने फिर भी कोई आदेश पारित नहीं करने का फैसला किया। अगर वे चाहते तो ऐसा कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
  3. राहुल गांधी को मिली सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मोदी बनाम राहुल का शोर संसद में सुनाई पड़ने लगा है आइये देखते है इस खबर को,  खबर जैसे ही आई वैसे ही कांग्रेस ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है। सत्यमेव जयते, जय हिंद। कांग्रेस का हर नेता और कार्यकर्ता यही बात कह रहा है कि संसद को राहुल गांधी की बहुत जरूरत है। मोदी उपनाम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है क्योंकि देश की शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी है। हम आपको बता दें कि सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी उपनाम से जुड़े मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई थी जिसके चलते उनकी लोकसभा सदस्यता चली गयी थी। राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका देकर अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। राहुल गांधी इसके बाद सुप्रीम कोर्ट गये जहां से उन्हें राहत मिल गयी है। इस राहत के चलते उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हो गयी है और वह संसद जा सकेंगे। उन्हें वह सरकारी बंगला भी वापस मिल सकेगा जो सरकार ने उनसे ले लिया था। यही नहीं, अगले सप्ताह लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के जिस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है उसमें भी राहुल गांधी के भाग लेने की संभावना है। यानि संसद में एक बार फिर मोदी और राहुल के बीच टक्कर देखने को मिलेगी। इसके अलावा राहुल गांधी अब चूंकि 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ सकेंगे इसलिए प्रधानमंत्री पद के लिए भी मोदी और राहुल के बीच ही मुकाबला देखने को मिलेगा। राहुल गांधी को राहत मिलने की खबर जैसे ही आई वैसे ही कांग्रेस ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया कि यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है। सत्यमेव जयते, जय हिंद। कांग्रेस का हर नेता और कार्यकर्ता यही बात कह रहा है कि संसद को राहुल गांधी की बहुत जरूरत है। वहीं दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहा है और इसे मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका बताया है। लेकिन इंडिया गठबंधन के नेताओं में इस फैसले को लेकर बेचैनी भी है क्योंकि अब तक राहुल गांधी चुनाव लड़ने के अयोग्य थे लेकिन अब उनकी योग्यता बहाल होने से कांग्रेस सहयोगी दलों पर दबाव बनायेगी कि वह राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करें। जबकि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में खुद को देखते हैं। जहां तक इस मामले की आज हुई सुनवाई की बात है तो इसमें एक रोचक बात यह रही कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वकील ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम मोदी नहीं है, क्योंकि वह मोढ़ वणिक समाज से आते हैं। हम आपको बता दें कि पूर्णेश मोदी ने ही 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। राहुल गांधी ने सभा में टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे है?” इस मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। पीठ ने कहा, “निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।” इस बीच, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आसन से अनुरोध किया है कि चूंकि राहुल गांधी को उच्चतम न्यायालय से राहत मिल गयी है, इसलिए उन्हें सदन में आने की अनुमति जल्द से जल्द दी जाए। इस पर स्पीकार ओम बिरला ने कहा है कि अदालत के फैसले की कॉपी मिलने पर मामले को देखा जायेगा। 

  4. सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त, 2023 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के गैर-आक्रामक सर्वेक्षण की अनुमति दी। सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को यह भी निर्देश दिया कि वह कोई खुदाई न करे और सर्वेक्षण रिपोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जमा की जाए। ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने एएसआई को सर्वेक्षण करने की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा था। वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी द्वारा प्रस्तुत मस्जिद समिति ने तर्क दिया कि सर्वेक्षण, मूल रूप से जिला न्यायाधीश द्वारा आदेश दिया गया था, यह पता लगाने के लिए था कि क्या नीचे कोई हिंदू मंदिर मौजूद था। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण पूजा स्थल अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ होगा। हालाँकि, उत्तर प्रदेश सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता माधवी दीवान ने प्रस्तुत किया कि एएसआई परिसर के अंदर कोई खुदाई नहीं करेगा और तर्क दिया कि एएसआई का काम इतिहास को संरक्षित करना है न कि इसे नष्ट करना। इससे पहले दिन में, 3 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सर्वेक्षण करने के वाराणसी न्यायालय के आदेश को बरकरार रखने के बाद एएसआई ने मस्जिद परिसर का अपना वैज्ञानिक सर्वेक्षण फिर से शुरू किया। उच्च न्यायालय ने कहा था कि सर्वेक्षण “न्याय के हित में आवश्यक था और इससे वादी और प्रतिवादी दोनों को समान रूप से लाभ होगा और ट्रायल कोर्ट को उचित निर्णय पर पहुंचने में सहायता मिलेगी”।
  5. ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस  अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस को चिह्नित करने के लिए, ब्रिटिश उच्चायोग ने 4 अगस्त को 18 से 23 वर्ष की आयु की भारतीय महिलाओं के लिए वार्षिक “एक दिन के लिए उच्चायुक्त” प्रतियोगिता की घोषणा की। प्रतियोगिता शुरू करने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 18 अगस्त है। उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि विश्व की समस्याओं के समाधान के लिए युवा महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है। “मैं हमेशा इस देश में फैली प्रतिभा से आश्चर्यचकित होता हूं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत के प्रतिभाशाली युवा आने वाले वर्षों में बेहतर भविष्य के अभियान का नेतृत्व करेंगे। दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों को हल करने की दुनिया के युवाओं की पूरी क्षमता लड़कियों और महिलाओं के बिना हासिल नहीं की जा सकती। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस शामिल करने और प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण क्षण है, ”श्री एलिस ने कहा। ‘एक दिन के लिए उच्चायुक्त’ प्रतियोगिता पहली बार 2017 में आयोजित की गई थी और तब से इसे 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस को चिह्नित करने के लिए प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस वर्ष प्रतियोगिता के आवेदकों को प्रश्न का उत्तर दर्ज करना होगा – ” युवा लोग सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में कैसे मदद कर सकते हैं? सबमिट किया गया वीडियो एक मिनट से अधिक लंबा नहीं होना चाहिए। आवेदकों को @UKinIndia को टैग करके वीडियो को ‘X’ (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम या लिंक्डइन पर साझा करना होगा और हैशटैग ‘#DayOfTheGirl’ का उपयोग करना होगा। फिर उन्हें प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। 17 एसडीजी सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के मूल में हैं जिसका लक्ष्य मानव जाति के लिए एक सुरक्षित दुनिया बनाना है।

     

  6. पीएमओ ने कहा कि मोदी अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते हैं और रेलवे लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन है। पीएमओ ने कहा कि उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व को प्राथमिकता दी है। नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ‘ऐतिहासिक’ पहल के तहत छह अगस्त को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश भर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री जिन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशीला रखेंगे, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात और तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18 स्टेशन शामिल हैं। इनमें हरियाणा के 15 और कर्नाटक के 13 स्टेशन भी शामिल हैं। पीएमओ ने कहा कि इस पुनर्विकास परियोजना की लागत 24,470 करोड़ रुपये होगी और इससे यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान होंगी। पीएमओ ने कहा कि मोदी अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते हैं और रेलवे लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन है। पीएमओ ने कहा कि उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व को प्राथमिकता दी है। बयान में कहा गया है कि इस दृष्टिकोण से निर्देशित होकर 1,309 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई। इस योजना के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री द्वारा 508 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी जा रही है। पीएमओ ने कहा, ‘‘इन स्टेशनों का पुनर्विकास 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। शहर के दोनों किनारों के समुचित एकीकरण के साथ इन स्टेशनों को सिटी सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। यह एकीकृत दृष्टिकोण शहर के समग्र शहरी विकास के समग्र दृष्टिकोण से प्रेरित है, जो रेलवे स्टेशन के आसपास केंद्रित है।
  7. परिणाम घोषित होने के बाद छात्र डिजिलॉकर से अपनी मार्कशीट भी डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही, वे अपने संबंधित स्कूलों से पुन: परीक्षा के लिए एक अलग मार्कशीट भी प्राप्त कर सकते हैं।

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2022-23 शैक्षणिक सत्र के लिए सीबीएसई कक्षा 10 कंपार्टमेंट परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। जो छात्र सीबीएसई 10वीं की पूरक परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अपना परिणाम cbseresults.nic.in और cbse.gov.in पर देख सकते हैं। सीबीएसई कक्षा 10 कंपार्टमेंट मार्कशीट तक पहुंचने और डाउनलोड करने के लिए छात्रों के पास अपने रोल नंबर, स्कूल नंबर, जन्म तिथि और एडमिट कार्ड आईडी की कुंजी होगी। सीबीएसई ने 17 से 22 जुलाई, 2023 के बीच कक्षा 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा आयोजित की।

    12वीं कक्षा के नतीजे

    परिणाम घोषित होने के बाद छात्र डिजिलॉकर से अपनी मार्कशीट भी डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही, वे अपने संबंधित स्कूलों से पुन: परीक्षा के लिए एक अलग मार्कशीट भी प्राप्त कर सकते हैं। उससे पहले मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 12वीं कक्षा की कंपार्टमेंट परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए थे। कक्षा 12वीं परीक्षा 17 जुलाई को हुई थी। कंपार्टमेंट परीक्षा के तहत, 59% उम्मीदवारों ने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। 355 अभ्यर्थियों का प्रदर्शन गिरा है। बाकी का प्रदर्शन वैसा ही रहा। कंपार्टमेंट और इम्प्रूवमेंट परीक्षा में कुल 181161 उम्मीदवार उपस्थित हुए जिसमे 121812 लड़के और 59349 लड़कियाँ शामिल थी।

    कैसे देखें परिणाम

    – सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in, cbseresults.nic.in,results.nic.in पर जाएं।

    – ‘सीबीएसई 10वीं कंपार्टमेंट रिजल्ट 2023’ लिंक खोजें और उस पर क्लिक करें

    – यह आपको लॉगिन पेज पर ले जाएगा जहां आपको रोल नंबर, जन्मतिथि और अन्य विवरण दर्ज करने होंगे

    – सीबीएसई 10वीं कंपार्टमेंट मार्कशीट स्क्रीन पर दिखाई देगी

    – भविष्य के संदर्भ के लिए सीबीएसई 12वीं कंपार्टमेंट रिजल्ट पीडीएफ डाउनलोड करें और सेव करें।

     

  8. लोकसभा ने शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ‘भारतीय प्रबंध संस्थान संशोधन विधेयक, 2023’ को मंजूरी दी। इसके माध्यम से भारतीय प्रबंध संस्थान अधिनियम 2017 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है। संसद में सियासी संग्राम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मणिपुर के मुद्दे पर जबरदस्त तरीके से वार पलटवार का दौर जारी है। आज भी संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों का शोरगुल जारी रहा। आज राज्यसभा में हंगामा इतना था कि पीयूष गोयल जब बोल रहे थे तो शोर-शराबे के कारण कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। हंगामा थमता नहीं देख राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी। वहीं लोकसभा में भी हंगामा जारी रहा। हालांकि, कुछ कामकाज जरूर हुए हैं। दूसरी ओर भाजपा ने अपने लोकसभा सांसदों को 7 अगस्त से 11 अगस्त तक सदन में उपस्थित रहने और सरकार के रुख और विधेयकों का समर्थन करने के लिए 3 लाइन का व्हिप जारी किया है।

    लोकसभा की कार्यवाही

    – लोकसभा ने शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ‘भारतीय प्रबंध संस्थान संशोधन विधेयक, 2023’ को मंजूरी दी। इसके माध्यम से भारतीय प्रबंध संस्थान अधिनियम 2017 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है। निचले सदन में विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से मुंबई स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान (नीति) को भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) का दर्जा दिया जा रहा है। – सशस्त्र बलों के संयुक्त अभियानों के दौरान अनुशासन बनाये रखने के लिए त्वरित कार्रवाई के प्रावधान वाले ‘अंतर सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023’ को लोकसभा ने शुक्रवार को पारित कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए रखा। इस पर हुई संक्षिप्त चर्चा पर रक्षा मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी।

    राज्यसभा की कार्यवाही

    – राज्यसभा में शुक्रवार को सत्ता पक्ष ने राजस्थान में ‘‘कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति’’ पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया वहीं विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत दिए गए कार्यस्थगन नोटिस को स्वीकार करने की मांग करते हुए नारेबाजी की। हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12:05 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने वाईएसआर कांग्रेस के वेंकटरामण राव मोपी देवी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और फिर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। सभापति ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें कुल 48 नोटिस मिले हैं। उनके इतना कहते ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने राजस्थान के मुद्दे पर हंगामा और शोरगुल शुरु कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य राजस्थान में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना का जिक्र कर रहे थे। वहीं, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का कहना है कि ऐसा कोई विषय या व्यक्ति नहीं है जिस पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती।

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फिर होगी मुलाक़ात जब घड़ी में बजेगे रात्री के 9 अब मुझे यानी मला राज को दे इजाजत

शुभ रात्री

By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

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