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वित्त सचिव एन मुरुगनंदम ने बुधवार को कहा कि तमिलनाडु ऑडिट महानिदेशक की भूमिका सृजित करने वाला पहला राज्य है और इसके लिए प्रतिनियुक्ति पर भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा से एक अधिकारी को नियुक्त किया है।

अधिकारी की जिम्मेदारी आंतरिक लेखापरीक्षा विभागों के कामकाज को मजबूत और सुव्यवस्थित करने की होगी, ताकि वे अपने कार्यों को पेशेवर रूप से करें।

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श्री मुरुगानंदम बुधवार को ‘इंटरनल ऑडिट्स चेंजिंग लैंडस्केप इन द वर्ल्ड ऑफ फ्रॉड एंड अननोन’ विषय पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल ऑडिटर्स – मद्रास चैप्टर कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।

यह कार्यक्रम एसोसिएशन ऑफ सर्टिफाइड फ्रॉड एक्जामिनर्स-चेन्नई चैप्टर के सहयोग से आयोजित किया गया था।

स्वतंत्र लेखापरीक्षा कार्य

श्री मुरुगानंदम ने कहा कि राज्य सरकार ने आंतरिक ऑडिट और उचित नियंत्रण तंत्र के महत्व को पहचाना है ताकि यह व्यय की दक्षता में सुधार कर सके।

उन्होंने इंगित किया कि आंतरिक लेखापरीक्षा विभाग उसी विभाग के तहत काम कर रहे थे जिसकी उन्हें लेखापरीक्षा करनी थी, और कोई स्वतंत्रता नहीं थी।

श्री मुरुगानंदम ने कहा कि वित्त मंत्री, पलानीवेल थियागा राजन ने अपने पहले बजट भाषण में घोषणा की थी कि आंतरिक लेखापरीक्षा विभागों को वित्त विभाग के नियंत्रण में लाया जाएगा, ताकि वे स्वतंत्र हों।

उन्होंने कहा कि हिन्दू धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मस्व विभाग के लेखापरीक्षा कार्य को वित्त विभाग के अंतर्गत लाया गया है, उन्होंने कहा कि एक-एक करके विभागों के सभी आंतरिक लेखापरीक्षा कार्यों को वित्त विभाग के अधीन लाया जाएगा।

श्री मुरुगानंदम ने यह भी कहा कि आंतरिक लेखापरीक्षा विभागों में सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। उन्होंने भर्ती, प्रशिक्षण, उपयोग की जाने वाली तकनीक जैसे पहलुओं का विस्तृत अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सिफारिशें दी हैं और सरकार उन्हें एक-एक करके लागू करेगी।

कौशल विकास

श्री मुरुगानंदम ने बताया कि जबकि राज्य सबसे अधिक संख्या में स्नातक पैदा करता है, उनमें से एक मुद्दा यह है कि वे उद्योग के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की प्राथमिकता वाली परियोजना ‘नान मुधलवन’ योजना का उद्देश्य कॉलेज के छात्रों को उद्योग-संबंधित कौशल से लैस करके अंतर को पाटना है।

श्री मुरुगानंदम ने कहा कि अब इस योजना को कला और विज्ञान महाविद्यालयों तक विस्तारित करने की योजना है, जो एक या दो महीने में कवर हो जाएगी। तमिलनाडु एपेक्स स्किल डेवलपमेंट सेंटर, बीएफएसआई इस संबंध में मदद कर रहा है।

इस अवसर पर आंतरिक लेखा परीक्षकों के संस्थान – मद्रास चैप्टर और तमिलनाडु एपेक्स कौशल विकास केंद्र, बीएफएसआई के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

महेश कुमार बजाज, कार्यकारी निदेशक, इंडियन बैंक, एसके रंगास्वामी, अध्याय उपाध्यक्ष, कल्पना शंकर, प्रबंध निदेशक, बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस ने भी बात की।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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