आईयूएमएल ने एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की एकता का आह्वान किया


इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के राज्य नेतृत्व ने केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के ‘फासीवादी शासन’ का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों की एकता का आह्वान किया है।

मानहानि के एक मामले में अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को हाल ही में लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए जाने की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया गया है। रविवार को यहां आयोजित वरिष्ठ नेताओं की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर श्री गांधी के खिलाफ कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला करार दिया गया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि लोकतांत्रिक विश्वास वाले लोगों को विपक्ष पर केंद्र की दमनकारी रणनीति के खिलाफ हाथ मिलाना चाहिए। ऐसे समय में जब सत्ता पक्ष के नेता नफरत और साम्प्रदायिकता फैलाने वाले बयान दे रहे थे, विपक्षी नेताओं को मनगढ़ंत मुकदमों में फंसाया जा रहा था. आईयूएमएल नेतृत्व ने देश में लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए एक साथ काम करने के विपक्षी दलों के फैसले की सराहना की और इस दिशा में कांग्रेस के प्रयासों को अपना पूरा समर्थन देने की पेशकश की। राज्य अध्यक्ष सैयद सादिक अली शिहाब थंगल की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य सरकार से प्रस्तावित सेमी-हाई स्पीड रेल परियोजना (सिल्वरलाइन) को छोड़ने का भी आग्रह किया गया।

इस बीच, IUML नेताओं ने कहा कि पार्टी राज्य में हवाई अड्डों के बाहर विरोध कार्यक्रम आयोजित करेगी। थंगल 3 अप्रैल को कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के बाहर विरोध प्रदर्शन की शुरुआत करेंगे। संबंधित जिला समितियां तिरुवनंतपुरम, कोच्चि और कन्नूर हवाई अड्डों के बाहर इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित करेंगी। पार्टी के कार्यकर्ता भी मंगलवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर गांधी की फोटो को प्रोफाइल पिक्चर बनाकर उनके साथ एकजुटता व्यक्त करेंगे।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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