किसानों को फसलों के नुकसान का आकलन खुद करने देने के लिए राजस्थान में पहल


जयपुर, राजस्थान के पास सरसों के खेत में निराई करती एक महिला किसान | फाइल फोटो | फोटो क्रेडिट: द हिंदू

राजस्थान में कांग्रेस सरकार जल्द ही एक पहल शुरू करेगी ताकि किसान प्राकृतिक आपदाओं से अपनी फसलों को हुए नुकसान का आकलन खुद कर सकें और मुआवजा जारी करने के लिए राजस्व अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट कर सकें। ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए एक मोबाइल फोन एप्लिकेशन विकसित किया जा रहा है।

राजस्व विभाग, वर्तमान में, ‘गिरदावरी’ नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से अभ्यास करता है, जिसमें एक ग्राम-स्तरीय अधिकारी फसल के नुकसान को दर्ज करता है और कृषि भूमि के मालिक, सिंचाई के स्रोत, कृषक का नाम और विवरण दर्ज करता है। दस्तावेजों में अन्य आवश्यक जानकारी। रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार प्रत्येक जिले में मुआवजे की राशि तय करती है।

राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने शुक्रवार को यहां कहा कि नई ऑनलाइन व्यवस्था से प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, वहीं राजस्व नियमों के सरलीकरण और भूमि परिवर्तन पोर्टल के निर्माण से रबी फसल की कटाई के दौरान कृषकों को लाभ होगा.

राज्य सरकार ने नई चारागाह भूमि नीति भी जारी की है, जिसमें 100 वर्ग मीटर तक की भूमि के लीज डीड देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही 2018-19 के पूर्व की अवधि के कृषि कर के बकाया को माफ कर दिया गया है और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, धर्मार्थ ट्रस्टों और हाइड्रोकार्बन अन्वेषण के लिए भूमि परिवर्तन से छूट दी गई है।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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