पटना। सामाजिक संगठन पटना मारवाड़ी महिला समिति ने पटना स्थित मध्य विद्यालय सिपारा में लगभग 150 बच्चियों के लिए एक वेंडिंग मशीन स्कूल में इंस्टॉल करवाया है।

पटना मारवाड़ी महिला समिति ने एक और जनकल्याण का काम कर स्कूली बच्चियों को राहत उपलब्ध कराने का काम किया है। मध्य विद्यालय सिपारा में इंस्टॉल मशीन से 5 रू मात्र का सिक्का डालने से एक पैड सिक्का डालने वाली बच्ची को मिल जाएगा। यह मशीन 150 बच्चियों के लिए एक साथ पैड रखे जा सकते हैं, मतलब एक बार मशीन में भरे जा सकते हैं।

इस अवसर पर मारवाड़ी महिला समिति की अध्यक्षा सुमिता छावरिया,सचिव रेखा जैन, पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष सरोज गुटगुटियां और पूर्व अध्यक्ष नीना मोटानी सहित इस मसीन इंटालेशन कार्यक्रम के संयोजक सह स्कूल की शिक्षिका डा. नम्रता आनंद सहित स्कूल के प्रधानाध्यापक कृष्णनंदन प्रसाद, अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं सहित छात्र-छात्राएँ उपस्थित थीं। मौके पर मारवाड़ी महिला समिति की अधिकारियों ने कहा कि हमारी संस्था जनसेवा का काम तो करती ही रहती है, आज के इस कार्य से एक अलग अलग तरह की संतुष्टि और खुशी मिली है।इस स्कूल की बच्चियों को अब पैड के लिए सार्वजनिक दुकानों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही इसके उपयोग से हाइजेनिक स्वास्थ्य सुरक्षा भी उन्हें मिलेगी।

मौके पर राजकीय सम्मान से सम्मानित स्कूल की शिक्षिका डा. नम्रता आनंद ने कहा कि मैं इस वेंडिंग मशीन को स्कूल लगवाने के लिए काफी दिनों से प्रयासरत थी, इसके लिए मैंने कई संस्थाओं से बात भी की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई थी, लेकिन आज खुशी हुई कि पटना मारवाड़ी समिति ने स्कूली लड़कियों की समस्या समझी और यह मशीन स्कूल को दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी स्कूल की तरफ से उनका आभार प्रकट करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं। बाद में मशीन में 5 रू का सिक्का डालकर पैड निकालने का तरीका भी बच्चियों को बताया गया।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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