राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। फ़ाइल | फोटो क्रेडिट: पीटीआई
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।
पर्यावरण संरक्षण को लेकर दुनिया गंभीर है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का महत्व बढ़ गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की निवेश हितैषी नीतियों के कारण राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा के साथ-साथ पवन ऊर्जा, हाईब्रिड संयंत्र और हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं की स्थापना के लिए निवेशक आगे आ रहे हैं। राज्य सरकार नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों के लिए आवश्यक उपकरण राजस्थान में ही निर्मित कराने के लिए कृतसंकल्प है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार भी सृजित हो सके।
श्री गहलोत शुक्रवार को जयपुर में आरआरईसीएल, राजस्थान स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन लिमिटेड एवं एक मीडिया हाउस द्वारा आयोजित रिन्यूएबल एनर्जी कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क भादला (जोधपुर) में स्थित है। राज्य सरकार नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति में राजस्थान का योगदान सर्वाधिक रहेगा।
उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा में राजस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण वर्ष 2022 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिया गया है और आरआरईसीएल को अक्षय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नवीन सौर ऊर्जा एवं पवन एवं संकर ऊर्जा नीति 2019, रिप्स-2019 एवं रिप्स-2022, सिंगल विंडो सिस्टम, वन स्टॉप शॉप ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए उत्कृष्ट वातावरण तैयार किया है. राज्य में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए निवेशकों के लिए कस्टमाइज्ड पैकेज भी स्वीकृत किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट में 11 लाख करोड़ के समझौते हुए, जिनमें से 50 प्रतिशत पर अमल हो रहा है। इनमें से अधिकतर समझौते नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित हैं।
कॉन्क्लेव के दौरान राज्य सरकार और निवेशकों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में राज्य सरकार और टोरेंट पावर लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित एक समझौते से राज्य में 37,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और 6,150 नौकरियां पैदा होंगी।
दूसरी ओर, अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में वेलस्पन न्यू एनर्जी लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच हुए समझौते से 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आएगा और 2,250 लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने एनर्जी सेक्टोरल पोर्टल का भी शुभारंभ किया। इस पोर्टल के माध्यम से ऊर्जा से संबंधित सभी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की आईटी टीम द्वारा बनाए गए पोर्टल पर 11 विभागों का डाटा उपलब्ध है।
उद्योग मंत्री शकुंतला रावत और ऊर्जा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी भी मौजूद थे।