पटना, 24 नवंबर (जितेंद्र कुमार सिन्हा):
फारबिसगंज की निवासी मुन्नी देवी ने पांच महीने से अपने बेटे सुमित कुमार को ढूंढने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। उनकी यह लड़ाई तब सफल हुई जब राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार और उनकी टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया और बेटे को नशा मुक्ति केंद्र से मुक्त कराकर मां को सौंप दिया।
मदद की गुहार और कार्रवाई की शुरुआत
मुन्नी देवी, जो अपने दिवंगत पति अशोक राय के निधन के बाद दूसरों के घरों में काम कर गुजर-बसर कर रही थीं, ने राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक के बिहार प्रदेश अध्यक्ष युवराज कुमार शर्मा से मदद मांगी। अररिया जिला कार्यालय में दिए गए अपने आवेदन में उन्होंने बताया कि उनका बेटा सुमित, पांच महीने पहले नशा मुक्ति केंद्र, अररिया द्वारा ले जाया गया था।
संस्थान की सक्रियता और सहयोग
राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद कुमार ने इस मामले को तुरंत संज्ञान में लिया। उन्होंने बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश सिंह, महासचिव अजीत चक्रवर्ती, और अररिया जिला अध्यक्ष भूषण कुमार सिंह के साथ नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया। नशा मुक्ति केंद्र के कार्यकर्ता अविनाश कुमार ने मामले की गंभीरता को समझा और पूरी मदद की।
23 नवंबर को हुआ पुनर्मिलन
संस्थान के प्रयासों के परिणामस्वरूप 23 नवंबर को सुमित कुमार को उनकी मां मुन्नी देवी को सुरक्षित सौंप दिया गया।
संस्थान का आभार
राष्ट्रीय मानव अधिकार रक्षक ने बिहार प्रदेश अध्यक्ष युवराज कुमार शर्मा और उनकी टीम की इस सराहनीय पहल के लिए धन्यवाद दिया। यह घटना समाज में मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।