पटना, 18 अक्टूबर: आज बुधवार को पटना मुस्लिम हाईस्कूल में यूथ ड्रीमर्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित स्कॉलर सम्मान समारोह में विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. इस समारोह में 40 विद्यार्थियों को वीणा उपेंद्र स्कॉलरशिप प्रमाणपत्र दिया गया. इस छात्रवृत्ति के लिए बिहार के सभी जिलों से 1100 विद्यार्थियों ने अप्लाई किया था. इसके तहत विद्यार्थियों को उनके ग्रेजुएशन की पढाई के लिए कॉलेज फीस की राशि स्कॉलरशिप के रूप में दी जाती है. पिछले साल भी 100 से ज्यादा विद्यार्थियों को ये स्कॉलरशिप दी गई थी. यह राशि उनके ग्रेजुएशन पूरा करने तक दी जाती है.

समारोह की शुरुआत करते हुए यूथ ड्रीमर्स फाउंडेशन के मैनेजर कृष्णा सिंह ने कहा कि युवाओं को स्कॉलरशिप देना चैरिटी नहीं बल्कि समाज के विकास हेतु किया गया सकारात्मक निवेश है. इसके जरिये हम विद्यार्थियों को उनके सपनों को उड़ान देने में मदद करते हैं. उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क के शोध का हवाला देते हुए कहा कि बिहार के विद्यार्थियों को एक उच्चकोटि के कॉलेज में दाखिला लेने के लिए तमिलनाडु के छात्रों की तुलना में 140 गुणा ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इसका मुख्य कारण बिहार के अंदर उच्च गुणवत्ता वाले डिग्री कॉलेजों की भारी कमी है जिस वजह से यहां के विद्यार्थियों को बिहार से बाहर जाना पड़ता है और सीमित सीटों में ही अपने लिए जगह बनानी पड़ती है.
संस्था के फाउंडर सौरभ मेहरोत्रा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके पास अगर एक मजबूत इच्छाशक्ति हो तो एक छोटी सी स्कॉलरशिप आपके जीवन को संवार सकती है. उन्होंने सभी विद्यार्थियों से अपना करियर संवारने के लिए पूरी ईमानदारी से परिश्रम करने की अपील की.
कार्यक्रम में शामिल बिहार यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर महजबीन खानम ने भविष्य में छात्रों की मदद एवं मार्गदर्शन के लिए आश्वासन दिया. वहीं, नालंदा चैरिटेबल फाउंडेशन के आलोक सिंह ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाया.
छात्रवृत्ति पाकर विद्यार्थियों में बहुत ही हर्ष-उल्लास था. उन्होंने अपने सपनो को साकार करने में यूथ ड्रीमर्स फाउंडेशन द्वारा बतौर छात्रवृत्ति आर्थिक मदद के महत्व की सराहना की और फाउंडेशन को धन्यवाद दिया.

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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