एक विशेष अदालत ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रैली से लौट रहे पांच उच्च जाति के लोगों की हत्या के मामले में नौ लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और पूर्व मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) या जद (यू) के नेता श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को बरी कर दिया। 1993 में बिहार में
अभियोजन पक्ष के अनुसार, मार्च 1993 में अतापुर गांव में विघटित इंडियन पीपुल फ्रंट के एक सशस्त्र दस्ते ने पांचों को मार गिराया।
अदालत ने दोषियों राजेंद्र शाह, बुद्धू शाह, पुलिस महतो, गौरी महतो, बहादुर राम, सत्यनारायण राम, दुलारचंद यादव, भदोसा राम और बालेश्वर राम को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 307 (अपराध करने का प्रयास) की धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हत्या)।
आरोपियों के खिलाफ अगस्त 2006 में आरोप तय किए गए और 12 गवाहों ने अदालत के सामने अपने बयान दर्ज कराए।
कुशवाहा के वकील भुनेश्वर तिवारी ने कहा कि हत्याओं में उनके मुवक्किल की भूमिका स्थापित नहीं की जा सकी और सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया।