सितारा देवी की जन्मशताब्दी समारोह के अवसर पर गंगा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति गौरव का क्षण : श्वेता सुमन
सितारा देवी की जन्मशताब्दी समारोह के अवसर पर श्वेता सुमन निर्देशित कार्यक्रम गंगा नृत्य नाटिका आमंत्रित

पटना. महान कत्थक साम्राज्ञी स्वर्गीय सितारा देवी की जन्मशताब्दी समारोह के अवसर पर उसके 72वें कड़ी में कृष्णा कलायन कला केंद्र की निदेशक और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती श्वेता सुमन निर्देशित कार्यक्रम गंगा नृत्य नाटिका को आमंत्रित किया गया है।
कार्यक्रम के संयोजक और कलाकार राजेश मिश्रा ने बताया कि हम नृत्य साम्राज्ञी पद्म श्री डॉ सितारा देवी जी का जन्म शताब्दी मना रहे हैं।फेसबुक पेज पर आप सब सादर आमंत्रित हैं अगले एपिसोड के कलाकार श्रीमती श्वेता सुमन (भागलपुर, बिहार) ,श्वाति मोदी तिवारी (जबलपुर, मध्यप्रदेश ) हैं। कार्यक्रम का प्रसारण 4 जुलाई, 8 जुलाई एवं 10 जुलाई को पद्मश्री स्वर्गीय सितारा देवी के पेज से होगा।
श्वेता सुमन ने बताया कि यह उनके लिए बहुत ही गौरव का क्षण है कि भागलपुर (बिहार) से यह प्रस्तुति अंतराष्ट्रीय मंच पर शामिल होने जा रही है, जिस मंच को स्वयं पद्मश्री सितारा देवी जी का आशीर्वाद प्राप्त है और देश विदेश के कई गणमान्य कलाकार अपनी प्रस्तुति कर चुके हैं उस श्रृंखला में यह अवसर भागलपुर के लिए एवं स्वयं उनके लिये लिए भी गौरव का क्षण है कि जिन उद्देश्यों से वह भागलपुर से कला संस्कृति को संजोने का कार्य कर रही है तो आज वह पूरा होने की दिशा में है.

उन्होंने बताया कि अपने जन्मस्थान से अपने कला की यात्रा और कत्थक साम्राज्ञी स्वर्गीय सितारा देवी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने असीम संघर्ष के बाद अपनी कला को स्थापित किया और एक अविस्मरणीय प्रेरणा के रूप में स्थापित हुई। सितारा देवी जी की सुपुत्री जयंतीमाला जी एवं उनके दामाद श्री राजेश मिश्र जी इस पुनीत कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सूची के कलाकार इसमें शामिल हो रहे है और इस श्रेणी में मुझे मंच पर आमंत्रित करना अंगप्रदेश भागलपुर ही नही पूरे बिहार के लिए गौरव की बात है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

One thought on “असीम संघर्ष के बाद सितारा देवी ने अपनी विशिष्ठ पहचान बनायी : श्वेता सुमन”
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