वीडियो को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर एक्सपीडिशन 67 और 68 के दौरान कैद किया था। वीडियो में पृथ्वी को एकदम अलग एंगल से देखा जा सकता है। वीडियो देखकर पता चलता है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के कैमरों से पृथ्वी को फिल्माया गया है, जिसमें रात में जगमगाते हुए हमारे शहर दिखाई दे रहे हैं।
गौरतलब है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी का चक्कर लगाता है। यानी यह वीडियो भी इतनी ही ऊंचाई से लिया गया होगा। इससे पहले मार्च में भी नासा ने रात में जगमगाती पृथ्वी की एक तस्वीर शेयर की थी। नासा ने बताया था कि तस्वीर 7 साल पुरानी है। फोटो को इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया था। उसमें धरती का बाहरी हिस्सा हल्की नीली रोशनी में दिख रहा था। यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के शहरों की लाइटें चमकती हुईं नजर आ रही थीं।
नासा ने बताया था कि उसने तस्वीर को कंपोजिट तकनीक से तैयार किया था। इस तकनीक में हर महीने बेस्ट क्लाउड फ्री रातों को चुना जाता है। नासा के पूर्व साइंटिस्ट, Miguel Roman के हवाले से स्पेस एजेंसी ने कहा था कि इस डेटा का इस्तेमाल करके तूफान, बादल आदि को मॉनिटर किया जा सकता है।
नासा की तस्वीर के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने भी पृथ्वी की तस्वीरें शेयर की थी। अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS-06) की मदद से तस्वीरें ली गई थीं। इसमें हर एक महाद्वीप को देखा जा सकता था। इसरो ने बताया था कि उसने 2,939 इमेजेस को मिलाकर और 300GB डेटा की प्रोसेसिंग के बाद तस्वीरों को तैयार किया। स्पेस एजेंसी ने कहा है कि ये तस्वीरें जमीन और महासागरों पर ग्लोबल वनस्पति कवर (global vegetation cover) की जानकारी देती हैं। सैटेलाइट में लगा ओशन कलर मॉनिटर पृथ्वी को बारीकी से समझ सकता है।
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