पत्रकारिता के नियम और कानून भारत मे , क्या छापे ! क्या न छापे !
पत्रकारों का मुंह बंद करवाने के लिए कई कानूनी धाराओं का प्रयोग होता है
हाल की ख़बरों में आप देख चुके होंगे कि कानूनों का इस्तेमाल पत्रकारों का मुंह बंद करने के लिए कैसे किया जाता है… क्या आप ऐसे कानूनों के बारे में जानते हैं?
“मुझे पत्रकारिता मत सिखाइये! मेरा यही करने का बीस साल का अनुभव है!” ये एक बड़ा आम सा जुमला है, जो हमें अक्सर इसलिए सुनाया गया क्योंकि हम पत्रकारिता से जुड़े कानूनों की बात कर रहे थे। सेमिनारों-गोष्ठियों में, बिहार के कई जिलों में, अपनी बात शुरू करते ही, हम ये डायलॉग सुन चुके हैं। ये अक्सर इसलिए भी होता है क्योंकि चाय से ज्यादा तो केतली गर्म होती है न? इसलिए जो सचमुच अनुभवी पत्रकार होते हैं, वो कभी “मुझे पत्रकारिता मत सिखाइए” करते भी नहीं दिखाई देते। जो कर रहे होते हैं, वो कौन होते हैं, उसका अंदाजा भी सभी को है।
जिन कानूनों की हम बात कर रहे होते हैं, उनमें अक्सर मानहानि के मुकदमे की बात भी रहती ही है।
ऐसी कुछ कानूनी धाराओं के बारे में बनाया हुआ वीडियो –

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पटना में आजकल चर्चा गर्म है क्योंकि तेज प्रताप यादव ने कई पत्रकारों को मानहानि का कानूनी नोटिस भिजवा दिया है। एक दो लोग होते तो कोई बात नहीं होती, लेकिन इसमें वेद प्रकाश के अलावा प्रशांत राय (जनता जंक्शन), अलोक (लाइव सिटीज), सुजीत कुमार (आजतक), मुकेश (एएनआई), गणेश (फर्स्ट बिहार), प्रकाश कुमार (रिपब्लिक भारत), प्रकाश कुमार (एबीपी न्यूज़) और कन्हैया बेलारी (न्यूज़ हाट) भी शामिल हैं। इतने लोगों को नोटिस जायेगा तो जाहिर है चर्चा तो होगी!
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यहाँ ये समझना भी जरूरी है कि लीगल नोटिस जाने का मतलब मुकदमा होना नहीं होता। लीगल नोटिस का जवाब दिया जा सकता है, उस जवाब के आधार पर वकील तय करते हैं कि मुकदमा लड़ना है, या नहीं लड़ना। बाकी ये याद रखिये कि मानहानि और अवमानना के मुकदमों के अलावा भी पत्रकारों का मुंह बंद करवाने के लिए कई कानूनी धाराओं का प्रयोग होता है।

 

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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