पटना, जनवरी 05, 2021: बीते दिनों राहुल गाँधी द्वारा ट्वीटर के जरिये में दिल्ली में जारी किसान आंदोलन की चंपारण सत्याग्रह से तुलना करने पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने उन्हें पहले चंपारण शब्द की स्पेलिंग सीखने की सलाह दी. अपने जवाबी ट्वीट में उन्होंने लिखा कि प्रिय राहुल गाँधी अपना गोयबल्स मार्का ज्ञान देने से पहले चंपारण शब्द लिखना तो सीख लेते. चंपारण के हमारे किसान नए कृषि कानूनों को आपसे बेहतर जानते हैं. कृपा कर अपने झूठ में हमारे क्षेत्र का नाम न घसीटें. गौरतलब हो कि राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में चंपारण की स्पेलिंग को गलत लिखा था. इसी ट्वीट में आगे डॉ जायसवाल ने चंपारण सत्याग्रह पर एक लिंक साझा करते हुए राहुल गाँधी को इस आंदोलन के बारे में पढने का आग्रह किया.”
प्रिय @RahulGandhi अपना गोयबल्स मार्का ज्ञान देने से पहले चंपारण शब्द लिखना तो सीख लेते.
चंपारण के हमारे किसान नए कृषि कानूनों को आपसे बेहतर जानते हैं. कृपा कर अपने झूठ में हमारे क्षेत्र का नाम न घसीटें. और हां चंपारण आन्दोलन पर थोड़ा पढ़ जरुर लें 👇 https://t.co/ORNQrvMaU7 https://t.co/BgW7gFW6DR— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) January 5, 2021
राहुल पर हमला जारी रखते हुए भाजपा प्रदेश ने एक दुसरे ट्वीट में लिखा कि चंपारण सत्याग्रह ‘विदेशियों’ के खिलाफ ‘देश’ का संघर्ष था और किसान आंदोलन ‘क्यों’, ‘कैसे’ और ‘किसके’ लिए किया जा रहा है, यह देश भलीभांति जानता है. इस ट्वीट के साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक मीडिया संस्थान द्वारा किसान आंदोलन पर करवाए गये सर्वे का लिंक देते हुए, राहुल गाँधी को जनभावना से परिचित होने की सलाह दी.
प्रिय @RahulGandhi चंपारण सत्याग्रह 'विदेशियों' के खिलाफ 'देश' का संघर्ष था.
और किसान आंदोलन क्यों, कैसे और 'किसके' लिए किया जा रहा है, यह देश भलीभांति जानता है.यह देश गाँधी (बापू, आप नहीं) का है, गोयबल्स का नहीं
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— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) January 5, 2021
इस विषय पर डॉ जायसवाल ने कहा “ यह हर कोई जानता है कि देश में राहुल गांधी से बड़ा कंफ्यूज नेता कोई नहीं है. इसी कंफ्यूजन में किए गये अपने ट्वीट में उन्होंने चंपारण के लिए ‘चंपारन’ शब्द का इस्तेमाल किया है. इससे साफ़ पता चलता है कि वह चंपारण सत्याग्रह के महत्व से परिचित नहीं है. चंपारण न केवल बापू की कर्मभूमि रही है बल्कि हमारी मातृभूमि भी है. चंपारण का नाम गलत लिखना और इसे राजनीति में घसीटना सीधे-सीधे चंपारण का अपमान है, जिसे हमारी जनता कभी भी पसंद नहीं करने वाली. चंपारण का निवासी और जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी राहुल जी से मांग है कि अपनी झूठ-फरेब की राजनीति में चंपारण जैसे ऐतिहासिक स्थल का नाम खींचने के लिए अविलंब माफ़ी मांगे.”