दीपावली के त्यौहारी मौसम में भारतीय अर्थव्यवस्था को लगे पंख

वैसे तो प्रतिवर्ष ही भारत में धनतेरस एवं दीपावली के शुभ अवसर पर भारतीय नागरिकों द्वारा विभिन्न उत्पादों विशेष रूप से स्वर्ण एवं चांदी के आभूषणों की खरीद को शुभ माना जाता है। अतः इस त्यौहारी मौसम में विभिन्न उत्पादों की भारत में बिक्री बहुत बढ़ जाती है। परंतु, इस वर्ष तो केंद्र सरकार द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों के चलते भारतीय बाजार में सोने एवं चांदी सहित विभिन्न उत्पादों की बिक्री में बेतहाशा वृद्धि दर्ज हुई है।

केंद्र सरकार द्वारा आयकर योग्य राशि की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है। यदि आज किसी नागरिक की आय 12 लाख रुपए तक प्रतिवर्ष है तो उसकी आय पर आयकर नहीं लगने वाला है। साथ ही, वस्तु एवं सेवा कर की दरों को भी तर्कसंगत बनाया गया है जिसे जीएसटी2.0 का नाम दिया जा रहा है। अब 95 प्रतिशत से अधिक उत्पादों पर केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दर से ही वस्तु एवं सेवा कर लागू होगा। पूर्व में, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत एवं 28 प्रतिशत की दरें लागू होती थी। अब 12 प्रतिशत एवं 28 प्रतिशत की दरों को समाप्त कर दिया गया है। इससे उपभोक्ताओं को वस्तु एवं सेवा कर की दरों में लगभग 10 प्रतिशत तक का लाभ मिला है। चार पहिया वाहनों पर तो लगभग 60-70,000 रुपए प्रति वाहन तक की बचत हुई है। इस तरह, इस वर्ष दीपावली के त्यौहारी मौसम में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़े हुए उपभोग का सहारा मिला है।

भारतीय इतिहास में, दीपावली के त्यौहारी मौसम में, इस वर्ष सबसे अधिक रिकार्ड कारोबार सम्पन्न हुआ है। भारत में नागरिक अब बाजार में दुकानों पर आकर उत्पादों की पूछ परख कर ही उत्पादों की खरीद करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण से इस वर्ष के दीपावली त्यौहारी मौसम में भारतीय बाजारों में दुकानों पर बहुत अधिक भीड़ दिखाई दी है। कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) द्वारा सम्पन्न किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के 35 नगरों के वितरण केंद्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस वर्ष लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपए का व्यापार दीपावली के त्यौहारी मौसम में सम्पन्न हुआ है। वर्ष 2021 में इसी त्यौहारी मौसम में 1.25 लाख करोड़ रुपए, वर्ष 2022 में 2.50 लाख करोड़ रुपए, वर्ष 2023 में 3.75 लाख करोड़ रुपए एवं वर्ष 2024 में 4.25 लाख करोड़ रुपए का व्यापार सम्पन्न हुआ था। इस वर्ष अभी आगे आने वाले समय में गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ एवं तुलसी विवाह आदि त्यौहार भी उत्साह पूर्वक मनाए जाने हैं। ऐसा अनुमान किया जा रहा है कि इस वर्ष इस दौरान भी लगभग 80,000 करोड़ रुपए का व्यापार सम्पन्न होने की प्रबल सम्भावना है। इस प्रकार इस वर्ष भारत में त्यौहारी मौसम में कुल व्यापार का आंकड़ा 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने की प्रबल सम्भावना है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में सम्पन्न हुए व्यापार के आंकडें की तुलना में 41 प्रतिशत अधिक है।

इस वर्ष भारत के नागरिकों में स्वदेशी उत्पाद खरीदने की होड़ सी रही हैं। इसी प्रकार, एक अनुमान के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस त्यौहार के दौरान सोने चांदी के गहनों, सिक्कों एवं अन्य वस्तुओं के कारोबार का स्तर भी 60,000 करोड़ रुपए के आसपास रहा है। बाजार में हालांकि इस वर्ष सोने एवं चांदी के भाव आसमान छू रहे हैं। वर्ष 2024 की दीपावली पर सोने का भाव लगभग 80,000 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जो इस वर्ष बढ़कर 130,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है, अर्थात लगभग 62 प्रतिशत अधिक। चांदी का भाव भी वर्ष 2024 में 98,000 रुपए प्रति किलोग्राम था जो इस वर्ष बढ़कर 180,000 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है, अर्थात लगभग 83 प्रतिशत अधिक। एक अन्य अनुमान के अनुसार, दीपावली के इस त्यौहारी मौसम में भारत में स्वर्ण एवं चांदी के आभूषणों की कुल मिलाकर 1.35 लाख करोड़ रुपए की बिक्री हुई है। भारतीय बाजारों में लगभग 46 टन सोने की बिक्री हुई है।

दीपावली के पावन पर्व पर इस वर्ष 600,000 वाहन एक दिन में बिके हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शा रहा है। इससे यह भी सिद्ध हो रहा है कि है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत ही तेज गति से आगे बढ़ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति श्री डॉनल्ड ट्रम्प कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था डेड है, भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार तेज हो रही विकास दर अमेरिकी राष्ट्रपति के बयानों को झुठला रही है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 की प्रथम तिमाही, अप्रेल-जून 2025, में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.3 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल की है। जबकि, द्वितीय तिमाही जुलाई-सितम्बर 2025 में एवं तृतीय तिमाही अक्टोबर-दिसम्बर 2025 में भी भारतीय अर्थव्यवस्था के रिकार्ड स्तर पर आर्थिक विकास दर हासिल करने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। भारत में द्वितीय तिमाही में प्रारम्भ हुए त्यौहारी मौसम (दुर्गा उत्सव, दशहरा, धनतेरस एवं दीपावली, आदि) में विभिन्न उत्पादों की रिकार्ड वृद्धि दर्ज होती हुई दिखाई दी है। यह प्रवाह तीसरी तिमाही में भी जारी रहने की प्रबल सम्भावना दिखाई दे रही है क्योंकि त्यौहारी मौसम अभी इस अवधि में भी जारी रहेगा जो 25 दिसम्बर (क्रिसमस) एवं 31 दिसम्बर (नव वर्ष) तक जारी रहेगा। साथ ही, शादियों का मौसम भी आने वाला है, इस मौसम में भारत में लाखों की संख्या में शादियां सम्पन्न होती हैं, और शादियों के इस मौसम में विभिन्न उत्पादों (स्वर्ण, चांदी, कार, टीवी, रेफ्रीजरेटर, एसी, आदि) की मांग में बेतहाशा वृद्धि दर्ज होती है। इस बीच भारत में धार्मिक पर्यटन भी अपने उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गया है। अयोध्या, वाराणसी, चार धाम, वैष्णो देवी, महाकाल मंदिर, तिरुपति बालाजी, मीनाक्षी मंदिर आदि में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। भारत में लगातार बढ़ रहे धार्मिक पर्यटन से भी उत्पादों का उपभोग बढ़ रहा है, जो अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक हो रहा है एवं रोजगार के लाखों नए अवसर निर्मित कर रहा है।

भारत में अब देश में ही निर्मित उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, इस कार्य में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी अपनाने की अपील पर भारतीय नागरिक अपना भरपूर सहयोग कर रहे हैं। भारत में ही निर्मित उत्पादों के उपभोग का स्तर सकल घरेलू उत्पाद के 60-70 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसी कारण से भारत को देशीय उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था कहा जा रहा है। भारत में आंतरिक उपभोग के लगातार मजबूत होने के चलते भारत अब दुनिया के कई देशों के निवेशकों के लिए निवेश के केंद्र के रूप में उभर रहा है, क्योंकि भारत की 140 करोड़ आबादी इन निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। भारत में ही निर्मित किए जाने वाले उत्पादों के लिए भारत में ही बहुत बड़ा बाजार उन्हें उपलब्ध है। आगे आने वाले समय में भारत के वित्तीय एवं बैंकिंग क्षेत्र में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का विदेशी निवेश भारत में आने जा रहा है। अमेरिकी कम्पनी ऐपल अपना पूरा उत्पादन सिस्टम भारत में ला रहा है एवं स्मार्ट मोबाइल फोन का भारत में उत्पादन कर उसे विश्व के अन्य देशों को भारत से निर्यात किया जाएगा।

भारत के विशाल बाजार को देखते हुए आज विश्व के कई देश भारत के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता सम्पन्न करने के लिए लालायित दिखाई दे रहे हैं। भारत का अभी हाल ही में ओमान, कतर, यूनाइटेड किंगडम और यूरोप के चार देशों के साथ द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता सम्पन्न हुआ है। यूरोपीयन यूनियन के साथ भी द्विपक्षीय व्यापार समझौता के सम्बंध में वार्ताएं सफलता पूर्वक आगे बढ़ रही हैं एवं इसके शीघ्र ही सम्पन्न होने की सम्भावना है। साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच भी द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता नवम्बर 2025 तक सम्पन्न होने की सम्भावनाएं अब दिखाई देने लगी है। सम्भव है कि नवम्बर 2025 माह में अमेरिका के राष्ट्रपति डानल्ड ट्रम्प भारत आकार इस समझौते की घोषणा करें।

रूस के राष्ट्रपति श्री बलादिमिर पुतिन भी शीघ्र भारत आ रहे हैं और रूस के भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर दिए जाने की प्रबल सम्भावना है। भारत अभी रूस से भारी मात्रा में कच्चे तेल का आयात कर रहा है एवं रूस को भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों की मात्रा अभी बहुत कम है। इस तरह भारत का रूस के साथ व्यापार घाटा बहुत अधिक हो गया है। चीन के साथ भी भारत का व्यापार घाटा बहुत अधिक मात्रा में है, जिसे कम करने के लिए चीन के साथ भी भारत की बातचीत चल रही है।

कुल मिलाकर आगे आने वाले समय में भारत की आर्थिक विकास दर के तेज होने की प्रबल सम्भावना है, जो 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष तक के आंकडें को भी छू सकती है।

By Prahlad Sabnani

लेखक परिचय :- श्री प्रह्लाद सबनानी, उप-महाप्रबंधक के पद पर रहते हुए भारतीय स्टेट बैंक, कारपोरेट केंद्र, मुम्बई से सेवा निवृत हुए है। आपने बैंक में उप-महाप्रबंधक (आस्ति देयता प्रबंधन), क्षेत्रीय प्रबंधक (दो विभिन्न स्थानों पर) पदों पर रहते हुए ग्रामीण, अर्ध-शहरी एवं शहरी शाखाओं का नियंत्रण किया। आपने शाखा प्रबंधक (सहायक महाप्रबंधक) के पद पर रहते हुए, नई दिल्ली स्थिति महानगरीय शाखा का सफलता पूर्वक संचालन किया। आप बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग, कारपोरेट केंद्र, मुम्बई में मुख्य प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहे। आपने बैंक में विभिन पदों पर रहते हुए 40 वर्षों का बैंकिंग अनुभव प्राप्त किया। आपने बैंकिंग एवं वित्तीय पत्रिकाओं के लिए विभिन्न विषयों पर लेख लिखे हैं एवं विभिन्न बैंकिंग सम्मेलनों (BANCON) में शोधपत्र भी प्रस्तुत किए हैं। श्री सबनानी ने व्यवसाय प्रशासन में स्नात्तकोतर (MBA) की डिग्री, बैंकिंग एवं वित्त में विशेषज्ञता के साथ, IGNOU, नई दिल्ली से एवं MA (अर्थशास्त्र) की डिग्री, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से प्राप्त की। आपने CAIIB, बैंक प्रबंधन में डिप्लोमा (DBM), मानव संसाधन प्रबंधन में डिप्लोमा (DHRM) एवं वित्तीय सेवाओं में डिप्लोमा (DFS) भारतीय बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान (IIBF), मुंबई से प्राप्त किया। आपको भारतीय बैंक संघ (IBA), मुंबई द्वारा प्रतिष्ठित “C.H.Bhabha Banking Research Scholarship” प्रदान की गई थी, जिसके अंतर्गत आपने “शाखा लाभप्रदता - इसके सही आँकलन की पद्धति” विषय पर शोध कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न किया। आप तीन पुस्तकों के लेखक भी रहे हैं - (i) विश्व व्यापार संगठन: भारतीय बैंकिंग एवं उद्योग पर प्रभाव (ii) बैंकिंग टुडे एवं (iii) बैंकिंग अप्डेट (iv) भारतीय आर्थिक दर्शन एवं पश्चिमी आर्थिक दर्शन में भिन्नता: वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय आर्थिक दर्शन की बढ़ती महत्ता latest Book Link :- https://amzn.to/3O01JDn

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