Ujjain: कई मंदिर पानी में डूबेUjjain: कई मंदिर पानी में डूबे

उज्जैन, मध्यप्रदेश। उज्जैन में हुई बारिश की वजह से शिप्रा नदी (Shipra River) का जलस्तर अचानक बढ़ गया है, जिसके बाद आस-पास के कई मंदिर पानी में डूब गए है।

उज्जैन, मध्यप्रदेश। प्रदेश में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है, ऐसे में कई जिलों में तेज बारिश हो रही है। वहीं उज्जैन और आसपास के इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से शिप्रा नदी (Shipra River) का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है, जिसके बाद आस-पास के कई मंदिर पानी में डूब गए है।

शिप्रा नदी का बढ़ा जलस्तर :

बारिश की वजह से शिप्रा नदी उफना गई :

उज्जैन में अचानक बदले मौसम का असर आज भी है। यहां कभी कम तो कभी ज्यादा बारिश का दौर जारी है। वहीं कल से लगातार हो रही बारिश की वजह से शिप्रा नदी उफना गई है। रामघाट स्थित कई मंदिर जलमग्न हो चुके हैं।

घाट किनारे के मंदिर आधे से ज्यादा डूब गए :

मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में उज्जैन में करीब एक इंच पानी गिर चुका है। तेज बारिश की वजह से शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने से घाट किनारे के मंदिर आधे से ज्यादा डूब गए हैं। यहां बने छोटे पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। इससे पहले भी उज्जैन में हुई बारिश की वजह से घाट किनारे के मंदिर डूब चुके है, जिसके बाद होमगार्ड के सैनिकों को तैनात कर दिया गया था , ताकि श्रद्धालु नदी के नजदीक तक ना जा सकें।

कई जिलों में हो रही है लगातार बारिश :

बताते चले कि, बीते दिनों से राजधानी समेत कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है। बारिश की वजह से कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। वहीं जोरदार बारिश से कई रास्ते नाले बन गए है। इधर राजधानी भोपाल और इंदौर की सड़कों पर पानी बहनें लगा, ऐसे में आवाजाही करने वाले दो पहिया और चार पहिया वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा, कई स्थानों पर सड़कों पर पानी भरने से लोगों को अपना रूट भी बदलना पड़ा है।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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