Tax-Terrorism In India | लालफीताशाही, GST और MSME | Unmasking tax terrorism | : Laalfitashahi EP: 02



यह कहानी है की कैसे G.S.T के अधिकारियों या इससे जुड़े लोगो ने इस देश के व्यापार को चौपट करने में अहम भूमिका निभाई | देश की आर्थिक इस्थिति पहले से ही खराब थी और रही सही कसर इस कोरोना महामारी ने पूरा कर दिया | कैसे tax officials लेट फी को GST का कलेक्शन दिखाकर मोदी सरकार को ठग रहे थे ? देश में टैक्स terrorism का माहौल है | शुब्र्मंयम स्वामी को क्यू नही बना देते FM ? इन्ही विषयों पर हम बात कर रहे है इस विडियो में | after Implementation of g.s.t price hike not reduced but Indian government Tax Collection Reduced then what is the benefit of GST and so called one nation one tax. is G.s.t a scam ? or poor Implementation ? why this cola bery cola bery cola bery d ?
Story of tax terrorism in India
क्या आप टैक्स भरते है ?
क्या आपका रजिस्ट्रेशन G.S.T में है ?
क्या आपको भी लगता है G.S.T में late fee नही होना चाहिए ?
क्या आप मोबाइल उपयोग करते है ?
क्या आप सामान की खरीद पर टैक्स देते है ?
तो ये विडियो आपके लिए है
#GST_LOW_COLLECTION #Unmasking_tax_terrorism #1 ON TRENDING

By Shubhendu Prakash

शुभेन्दु प्रकाश 2012 से सुचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे कार्यरत है साथ ही पत्रकारिता भी 2009 से कर रहें हैं | कई प्रिंट और इलेक्ट्रनिक मीडिया के लिए काम किया साथ ही ये आईटी services भी मुहैया करवाते हैं | 2020 से शुभेन्दु ने कोरोना को देखते हुए फुल टाइम मे जर्नलिज्म करने का निर्णय लिया अभी ये माटी की पुकार हिंदी माशिक पत्रिका में समाचार सम्पादक के पद पर कार्यरत है साथ ही aware news 24 का भी संचालन कर रहे हैं , शुभेन्दु बहुत सारे न्यूज़ पोर्टल तथा youtube चैनल को भी अपना योगदान देते हैं | अभी भी शुभेन्दु Golden Enterprises नामक फर्म का भी संचालन कर रहें हैं और बेहतर आईटी सेवा के लिए भी कार्य कर रहें हैं |

One thought on “Tax-Terrorism In India | लालफीताशाही, GST और MSME | Unmasking tax terrorism | : Laalfitashahi EP: 02”
  1. मुझे इस विडियो से यही उम्मीद थी लोग रिया काह्कर्बती, शुशांत और कंगना कंगना करना ही पसंद करते है | अगर कोई अर्थवय्वस्था की बात करता है तो उसको लोग देखना पसंद नही करते ऐसे दौर में मीडिया करे भी तो क्या करे | कुछ लोग मीडिया पर बिना मतलब का सवाल उठाते है | या तो उस मामले की आलोचना करो या समर्थन लोग देखेंगे | डिबेट का विषय सिक्षा रोज़गार अर्थव्यवस्था होना चाहिए मगर जब कोई भी चैनल ऐसा करता है तो उसकी trp धराम से गिर जाती है ऐसे वक़त में मीडिया क्या करे ? आखिर उनको भी अपना घर चलाना है | आप जो देखना चाहते है उसे ही दिखाया जाता है सच से जनता को कोई लेना देना नही है |

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