पटना, 21 अप्रैल सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन के कुरथौल स्थित फुलझड़ी गार्डन में संचालित संस्कारशाला में नि.शुल्क प्रथम सिलाई बैच का समापन हो गया।

दीदीजी फाउंडेशन संस्कारशाला के सिलाई प्रशिक्षण केंद्र के पहले बैच के समापन होने का जश्न केक काटकर धूमधाम के साथ मनाया गया। दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संस्कारशाला में कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही है। बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने का काम संस्कारशाला में किया जा रहा है। संस्कारशाला में महिलाओं को तीन महीने तक सिलाई का प्रशिक्षण सुलेखा कुमारी दे रही हैं, जिसका पहला बैच आज पूरा हो गया। पहले बैच में 30 महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया। महिलाओं को स्वावलंबन के दृष्टिकोण से सिलाई के माध्यम से रोजगार प्रदान करने के लिए इस निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत की गयी है। सिलाई प्रशिक्षण केंद्र से महिलाओं को स्वावलंबन आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा। महिलाओं को रोजगार मिलेगा और उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा। सिलाई कोर्स के साथ साथ आने वाले दिनों में ब्यूटीशियन कोर्स, मेहंदी कोर्स आदि महिलाओं के हित के लिए शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिलायें और युवतियों तीन महीने का प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन जायेंगी। वे घर बैठकर सिलाई कर अपना भविष्य उज्जवल बना सकती हैं।
डा नम्रता आनंद ने बताया कि सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र के प्रथम बैच में साह ममता, पूनम देवी, प्रीति कुमारी, वीणा कुमारी, नीतू कुमारी,शिवानी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, शोभा देवी, निर्जला देवी, अंजना कुमारी, स्वाति कुमारी, प्रियंका कुमारी, ज्योति कुमारी,रवीना कुमारी,अंशु दुबे, सिम्मी कुमारी,रूपम देवी, उषा देवी,
सिंपल देवी,आरती देवी, संजू देवी, प्रियंका उपाध्याय, गुड़िया कुमारी, मुन्नी कुमारी, शोभा कुमारी, शोभा देवी,रानी देवी, खुशबू कुमारी, सुमन कुमारी, प्रीति कुमारी और पुष्पा कुमारी को नि.शुल्क प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं और युवतियों को सलवार, समीज, ब्लाउज, पेटीकोट, चूड़िदार सलवार, पैजामा, बेबी फ्राक समेत कई तरह की सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया है।
समाजसेवी मिथिलेश सिंह ने कहा कि महिलाओं को निशुल्क प्रशिक्षण देकर आगे बढ़ाने से सशक्त समाज का जहां निर्माण होगा वहीं नारी सशक्तिकरण को बल भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि डा. नम्रता आनंद के नेतृत्व में संस्कारशाला में मुफ्त सिलाई केन्द्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक प्रयास है जिससे महिलाएं प्रशिक्षित होकर अपना स्वरोजगार कर सकें।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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