पटना, सितंबर 27, 2022: प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों का मुद्दा उठाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कहा कि नीतीश कुमार पीएम बनने के लिए इतने व्याकुल हो गये हैं कि अब वह बिहार के शिक्षित युवाओं के भविष्य को दांव पर लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों से आज बात करने पर पता चला है कि नीतीश जी के उच्चाधिकारी अब उन्हें कोई दूसरा कोर्स करने या दूसरी नौकरी ढूंढने की सलाह देने लगे हैं, वहीं बिहार के शिक्षा मंत्री उन्हें प्रधानमन्त्री से जा कर रोजगार मांगने की सलाह दे रहे हैं. सरकार की संवेदनहीनता का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?

उन्होंने कहा कि नीतीश जी को बताना चाहिये कि पिछले 6 महीने से वह भावी प्रधानमंत्री बनने की निजी महत्वकांक्षा में इन बच्चों का काम नहीं कर रहे थे. लेकिन अब तो वह महागठबंधन के साथ हैं फिर अब वह क्यों देर कर रहे हैं?

शिक्षक बहाली रोकने को नीतीश की पीएम बनने की दूरगामी योजना का हिस्सा बताते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि एनडीए सरकार के समय ही इन बहालियों को लाने की बात तय हो चुकी थी जिसे लेकर जुलाई 2023 में विज्ञप्ति भी जारी की गयी थी. लेकिन इसी बीच नीतीश जी के मन में पाप आ गया और युवराज का चेहरा चमकाने के लिए उन्होंने इन बहालियों को साजिशन रोक दिया और अब यह बहालियां उनके भविष्य के प्रचार और पीएम बनने की महत्वकांक्षा की भेंट चढ़ रही है.

उन्होंने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों ने भी बताया है कि उन्हें बताया गया है कि अब अप्रैल 2023 में नियोजन की विज्ञप्ति फिर से निकाली जायेगी. इससे साफ़ है कि नीतीश जी इन नियुक्तियों को लोकसभा चुनाव तक अटकाएंगे फिर चुनाव से पहले इसकी घोषणा कर अपनी पीठ खुद से थपथपाएंगे और यदि इस बीच अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को उठाया तो उन्हें फिर से लाठी से पीटवाएंगे.

सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यह जान ले कि बिहार के युवाओं के भविष्य के सवाल पर भाजपा चुप नहीं बैठने वाली. हमारी सरकार से मांग है कि बिना देर किये प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों के सातवीं चरण के बहाली के लिए विज्ञप्ति और शेड्यूल हर हाल में अक्टूबर माह में जारी करे. इसके अतिरिक्त जो शिक्षक अभ्यर्थी पिछले 3 सालों से सारी अहर्ताएं पूरी कर के सातवें चरण की बहाली का इंतजार कर रहे हैं, उनकी नियुक्ति इस साल के अंत तक हर हाल में की जाए.

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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