रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और अरबपति मुकेश अंबानी के पास पिछले हफ्ते गांधीनगर के पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले छात्रों के लिए ज्ञान के ‘जी / जी’ शब्द थे। सोशल मीडिया पर आज आई एक वीडियो क्लिप में अंबानी ने उन्हें ‘माता जी और पिता जी’ द्वारा प्रदान किए गए समर्थन की याद दिलाई, जिसे उन्होंने घोषित किया, वे सबसे ‘भरोसेमंद (स्तंभ)’ थे।

अंबानी देश में 4जी और 5जी नेटवर्क की प्रगति पर बोल रहे थे और कहा, “मैं आपको आपकी अपनी भाषा में कुछ बताता हूं – युवाओं की भाषा। आजकल हर युवा 4जी और अब 5जी को लेकर उत्साहित है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।” इस दुनिया में ‘जी’ माता जी और पिता जी से भी बढ़कर है। वे आपके सबसे भरोसेमंद स्तंभ थे, हैं और रहेंगे।”

“आज… चाप रोशनी आप पर है। लेकिन पंखों में खड़े आपके माता-पिता और बुजुर्ग हैं… वे बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि आप मंच पर जाएं और अपना स्नातक प्रमाणपत्र प्राप्त करें। यह उनका आजीवन सपना रहा है। रिलायंस के अध्यक्ष ने कहा, “आपको यहां लाने के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया और जो बलिदान दिया, उसे कभी मत भूलिए।”

“आपकी सफलता में उनका योगदान अतुलनीय है।”

वीडियो को भारतीय व्यवसायी हर्ष गोयनका सहित कई लोगों ने साझा किया, जिन्होंने ट्वीट किया: “4G और 5G से अधिक भरोसेमंद क्या है? मुकेश अंबानी ने बहुत अच्छा कहा।”

अंबानी ने छात्रों को बधाई दी और कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनका ‘उज्ज्वल युवा दिमाग’ 2047 तक देश को $3 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था से $40 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तक बढ़ने में मदद करेगा।

इस सप्ताह की शुरुआत में जारी एक सूची के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत में सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध कंपनी के रूप में उभरी, इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी बैंक का स्थान रहा।

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की वैल्यूएशन है 17.25 लाख करोड़, ‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 टॉप 10’ सूची के दूसरे संस्करण के अनुसार, TCS से लगभग 6 लाख करोड़ अधिक है।

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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