किसान बिल अगर लागू हो गया होता तब क्या होता ? 

भारत सरकार ने इमिडिएट इफ़ेक्ट से गेहू के निर्यात पर  रोक लगा दिया है और गेहू के निर्यात को रोक कर कहा है की ” वो शिपमेंट जिसपर irrevocable लेटर ऑफ़ क्रेडिट (ILOC) जारी है उनको गेहू भेज दिया जाएगा । लेकिन बांकी शिपमेंट को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा” ।

महगाई पर लगाम लगाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक

14 मई 2022 नई दिल्ली :- भारत सरकार ने गेहू के निर्यात पर रोक लगा दिया है और एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा की जिनका आर्डर कैंसिल करना सम्भव नही उनको निर्यात की अनुमति है साथ ही जिन क्म्पिनियो के पास भारत सरकार की अनुमति होगी वो गेहू का एक्सपोर्ट कर सकते हैं उनके फ़ूड सिक्यूरिटी को सुनिश्चित करने के लिय ।

गोरतलब है तुर्की ने भारत को 50,000 टन गेहू की खरीदारी का आर्डर प्लेस किया था मगर वो आर्डर तुर्की भारत सरकार से ना खरीदकर, किसी एग्रीबाजार  नामक कम्पनी से खरीद रहा था जीसकी कुल कीमत 125 करोड़ रुपये थी। और भी कई देशो से गेहू के आयात का आर्डर आया मगर वो भारत सरकार के पास ना आकर छोटी छोटी कंपनियों के पास गया ,

बता दे भारत सरकार ने गेहू एक्सपोर्ट का लक्ष्य 2022-2023 के लिए 10 मिलियन टन रक्खा है, लेकिन भारत सरकार की खरीद 44% तक घट गई है मतलब  जितनी खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होनी थी उसका अभी तक मात्र 56% तक हो पाया है इसका मुख्य कारण है बाजार मे बढ़ती मांग रूस उक्रेन युद्ध के कारण और प्राइवेट कम्पनियो के द्वारा सीधा किसानो से गेहू खरीदना।

अभी हाल ही मे किसान आंदोलन हुआ था किसानो की सबसे बड़ी मांग थी की हम तो मंडी मे ही माल बेचेंगे साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य से न ज्यादा न कम इसी रसा कस्सी के बिच अंत मे सरकार ने हारकर किसान बिल वापस ले लिया ।

अब यहां पर जो लाभ रूस उक्रेन युद्ध से किसानो को होता वह अब नहीं होगा क्योंकि किसान बिल लागू ही न हुआ, भारत सरकार अब खुस ही होगी चलो ठीक ही हुआ और जो आपदा मे अवसर किसानो को मिलने वाला था वो अब नहीं मिलेगा, किसानो को इस आदेश के बाद अपना माल सरकारी मंडी मे ही बेचना पडेगा 1 मई तक 16.2 मिलियन टन गेहू की खरीदारी सरकार को करना था जो की लगभग 44% कम हुआ , फ़ूड सेफ्टी के नाम पर भारत सरकार राशन दूकान के माध्यम से भी गेहू जनता के बिच कम कीमत पर बांटती है इसके अलावा भारत सरकार ने कई देशो के फ़ूड सेफ्टी को ध्यान मे रखते हुए उनसे भी 2022 – 2023 के लिए करार कर रक्खा है की वो कुल मिलाकर 963,000 टन गेहू विभिन देशो को देगी, ऐसे मे अगर प्राइवेट कम्पनिया एक्सपोर्ट कर देती तो भारत सरकार के पास क्या बचता निर्यात करने के लिए !

अब अगर किसान बिल लागू होता तो अग्रि बजार से लेकर तमाम छोटी मोटी कम्पनिया सीधा किसानो से गेहू खरीद लेती और सरकार को अपने जरूरत का भी गेहू नहीं मिलता है ऐसे मे किसानो को बेहतर मुनाफा होता ! और सरकार असहज हो सकती थी मगर किसान बिल लागू ही न हुआ अब किसान पचता रहें होंगे और सरकार को किसानो ने ही बचा लिया कुल्हाड़ी पर ही पैर मारकर !

बताते चले की टर्की से लेकर मोरको, तुनिशिया, इंडोनेशिया, फिलीपीन्स और भी कई देशो मे भारत सरकार ने अपने डेलीगेशन भेजे हैं गेहू के निर्यात के लिए और डेलीगेशन से यह कहने को कहा है की हम गेहू देने को तैयार है मगर आपको गेंहू हमसे ही खरदीना होगा यह खबर 13 मई की है और 14 मई को सरकार एक्सपोर्ट पर रोक लगा देती है मतलब आप समझ गए होंगे ! भारत यहां पर अपनी कूटनीति और दम ख़म दुनिया को दिखाना चाहता है जैसा की भारत ने पूर्व मे भी कोरोना काल मे वैक्सीन भेज कर दिखाया था यहां पर जिओ पॉलिटिक्स भी भारत खेल रहा है यह सरकार का मास्टर स्ट्रोक है ।

भारत सरकार गेहू के दाम भारत मे कम करना चाहती है, जिससे की महगाई घटे इससे पहले महगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने रिज़र्व बैंक का रेपो रेट बढ़ाया था और अब गेंहू के निर्यात पर रोक लगाकर सरकार ने अपनी मनसा साफ़ कर दी है की हम देश मे महगाई नहीं बढ़ने देंगे अभी गेहू का दाम बढ़ा हुआ है जिससे सरकार चिन्त्तित है, गेंहू के निर्यात पर रोक से महगाई घटेगी ।

 

 

By Shubhendu Prakash

Shubhendu Prakash – Hindi Journalist, Author & Founder of Aware News 24 | Bihar News & Analysis Shubhendu Prakash एक प्रतिष्ठित हिंदी पत्रकार, लेखक और डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो Aware News 24 नामक समाधान-मुखी (Solution-Oriented) न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक और संचालक हैं। बिहार क्षेत्र में स्थानीय पत्रकारिता, ग्राउंड रिपोर्टिंग और सामाजिक विश्लेषण के लिए उनका नाम विशेष रूप से जाना जाता है। Who is Shubhendu Prakash? शुभेंदु प्रकाश 2009 से सक्रिय पत्रकार हैं और बिहार के राजनीतिक, सामाजिक और तकनीकी विषयों पर गहन रिपोर्टिंग व विश्लेषण प्रस्तुत करते हैं। वे “Shubhendu ke Comments” नाम से प्रकाशित अपनी विश्लेषणात्मक टिप्पणियों के लिए भी लोकप्रिय हैं। Founder of Aware News 24 उन्होंने Aware News 24 को एक ऐसे प्लेटफ़ॉर्म के रूप में विकसित किया है जो स्थानीय मुद्दों, जनता की समस्याओं और समाधान-आधारित पत्रकारिता को प्राथमिकता देता है। इस पोर्टल के माध्यम से वे बिहार की राजनीति, समाज, प्रशासन, टेक्नोलॉजी और डिजिटल विकास से जुड़े मुद्दों को सरल और तार्किक रूप में प्रस्तुत करते हैं। Editor – Maati Ki Pukar Magazine वे हिंदी मासिक पत्रिका माटी की पुकार के न्यूज़ एडिटर भी हैं, जिसमें ग्रामीण भारत, सामाजिक सरोकारों और जनहित से जुड़े विषयों पर सकारात्मक और उद्देश्यपूर्ण पत्रकारिता की जाती है। Professional Background 2009 से पत्रकारिता में सक्रिय विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों में कार्य 2012 से सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं में अनुभव 2020 के बाद पूर्णकालिक डिजिटल पत्रकारिता पर फोकस Key Expertise & Coverage Areas बिहार राजनीति (Bihar Politics) सामाजिक मुद्दे (Social Issues) लोकल जर्नलिज़्म (Local Journalism) टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया पब्लिक इंटरेस्ट जर्नलिज़्म Digital Presence शुभेंदु इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रिय हैं, जहाँ वे Aware News 24 की ग्राउंड रिपोर्टिंग, राजनीतिक विश्लेषण और जागरूकता-उन्मुख पत्रकारिता साझा करते हैं।

3 thoughts on “भारत सरकार ने गेहू के निर्यात (EXPORT) पर लगाई रोक”
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