मनचलों से परेशान होकर नालंदा की एक बेटी के आत्महत्या करने की खबर ने अंदर तक झकझोर दिया है।
यह खबर बिहार के सभ्य समाज के मुंह पर एक ज़ोरदार तमाचा है। खुद को सभ्य, शिक्षित और जागरूक बोलने वाले हर नागरिक को इस खबर से शर्मिंदा होकर आत्मचिंतन करना चाहिए। ज्ञान, मोक्ष, तप, त्याग की धरती कहे जाना वाले हमारे बिहार की नीतियों, नैतिकता और शिक्षा का कैसा विध्वंस हो चुका है ।
न्याय पाने के लिए भी आत्महत्या करनी पड़ रही है!!!
हमें सोचना चाहिए कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ जैसे मूल्यों का ह्रास क्यों होता चला जा रहा है। एक घटना के दोषियों को सजा मिलती भी नहीं है कि किसी अन्य जगह इसकी पुनरावृत्ति हो जाती है। दूसरी तरफ एक समाज के तौर पर हम कुछ मोमबत्तियां जला कर, फेसबुक पर पुलिस प्रशासन को कोसकर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ लेते हैं और अपने रोजमर्रा के कामों में लग जाते हैं।
ज्यादा दिन नहीं बीते जब हमारा समाज एक परिवार की तरह होता था। पड़ोसी के घरों में कोई घटना होने पर हमारे घरों के चूल्हे जलने बंद हो जाते थे।
लेकिन आज ऐसी घटनाएं इसलिए निरंतर घट रही हैं, क्योंकि हम दूसरों के दुःख दर्द को अपना समझना छोड़ते जा रहे हैं। इससे आतताइयों का मनोबल बढ़ता है।
कई घटनाओं में जाति-धर्म की क्षुद्र राजनीति करने वालों के प्रभाव में आकर गुंडे-मवालियों को छुड़ाने के लिए ही लोगों के इकठ्ठे हो जाने की खबरें आती रहती हैं। यह हमारे सामाजिक मूल्यों के विघटन का ही प्रतिफल है कि इन्हें यह भी पता नहीं चल पाता कि क्षणिक लाभ के लिए वह जिन वृषवृक्षों के बीज बो रहे हैं, वह हमारे समाज को सोख कर ही बड़े होंगे।
हमारी सरकार से अपील है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए यूपी के एंटी रोमियो स्क्वाड की तर्ज पर बिहार में भी एक विशेष स्क्वाड का गठन करे, जो इस तरह की शिकायत मिलने पर त्वरित एक्शन ले सके। यूपी की तर्ज पर प्रदेश भर में पिंक बूथों का भी गठन करना चाहिए, जहां रुक कर महिलाएं किसी वाहन या परिचित का इंतजार कर सके। किसी अन्य प्रदेश में हुई अच्छी पहल को अपनाने में राजनीतिक कारणों से हिचकिचाना नहीं चाहिए।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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