पटना, आज — मुक्ता चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित “मुक्ता युवा परिषद” का आयोजन आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य और HIV जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाना तथा खुला संवाद स्थापित करना था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ललित कुमार सिंह, उपनिदेशक, बापू टावर, रहे। अपने संबोधन में उन्होंने युवाओं से मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने, वैज्ञानिक जानकारी अपनाने और स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक कलंक को तोड़ने का आह्वान किया।

पैनल चर्चा में डॉ. प्रत्यूष कुमार (HIV विशेषज्ञ) ने HIV से जुड़ी वर्तमान स्थिति, रोकथाम, समय पर जांच और उपचार के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं डॉ. मुकेश कुमार (मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ) ने तनाव, अवसाद, नशा और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से बात की। सीमा रानी ने समुदाय स्तर पर जागरूकता और युवाओं की भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रूपा अग्रवाल, फाउंडर एवं प्रेसिडेंट, मुक्ता चैरिटेबल फाउंडेशन ने की। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य और HIV पर खुली बातचीत ही स्वस्थ समाज की नींव रख सकती है, 788-788-9882 मानसिक स्वास्थ म। योगेंद्र चौबे, ट्रस्टी एवं प्रोजेक्ट मैनेजर ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए युवाओं के साथ निरंतर संवाद और ऐसे मंचों की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवाओं, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह आयोजन युवाओं को सही जानकारी, सकारात्मक सोच और जिम्मेदार निर्णय लेने की दिशा में प्रेरित करने वाला रहा।

Samvad Helpline के आँकड़े बताते हैं कि हेल्पलाइन पर आने वाली कुल कॉल में से 33% कॉलर 25 वर्ष से कम उम्र के युवा हैं। वहीं, 26–40 वर्ष आयु वर्ग के कॉलर की संख्या लगभग 48% है। यानी कुल 70% से अधिक कॉल युवा और युवा वयस्क हैं। पिछले छह महीनों में युवाओं के कॉल और उनमें HIV पॉज़िटिव के मामलों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। यह स्पष्ट संकेत है कि नई पीढ़ी को सुरक्षित व्यवहार, जागरूकता और भावनात्मक सहयोग की सख्त आवश्यकता है। Samvad Helpline इस दिशा में युवाओं को सही जानकारी, काउंसलिंग और उम्मीद का सहारा प्रदान कर रही है।
युवाओं में HIV और मानसिक तनाव के मामलों का बढ़ना सामाजिक जागरूकता और सुरक्षित व्यवहार की कमी को दर्शाता है। हेल्पलाइन के ज़रिए हम उन्हें सही जानकारी और भावनात्मक समर्थन से जोड़ रहे हैं। – डॉ. रूपा अग्रवाल, फाउंडर ट्रस्टी एवं president – Muktaa Charitable Foundation
करियर टूटने के डर से जूझ रहे युवा को मिली फिर नई उम्मीद
21 वर्षीय रेलवे लोको पायलट की तैयारी करने वाले छात्र, HIV पॉज़िटिव रिपोर्ट आने के बाद वह अत्यधिक तनाव में थे और भविष्य को लेकर पूरी तरह निराश हो गए थे। काउंसलर ने धैर्यपूर्वक उनकी बातें सुनीं, भावनात्मक समर्थन दिया और बताया कि HIV उनकी प्रतिभा या करियर को खत्म नहीं करता। उन्हें फिर से सपनों को पाने के लिए प्रेरित किया गया। हेल्पलाइन ने उस युवा को वही उम्मीद और भरोसा लौटाया जो कठिन समय में सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है।
Samvad Helpline आज युवाओं के लिए एक भरोसेमंद साथी बन चुकी है। हमारा लक्ष्य है कि हर ज़रूरतमंद तक सही समय पर मदद और उम्मीद पहुँचे। – योगेंद्र चौबे, प्रोजेक्ट मैनेजर और ट्रस्टी- बिहार

सही जानकारी और जागरूकता के अभाव में कई लोग लाइलाज बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं और उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखता जिससे वे अपने जीवन को सहज बना सकें। इन्हीं बीमारियों में से एक है HIV/AIDS, जो अब तक लाइलाज है। 2 अक्टूबर 2005 में महाराष्ट्र के पुणे में डॉक्टर रूपा अग्रवाल और डॉक्टर मधु ओशवाल ने एक टेलीफोन लाइन के जरिए लोगों को वैज्ञानिक जानकारी और इससे बचने के उपायों के लिए संवाद हेल्पलाइन और मुक्ता चैरिटेबल फाउंडेशन की स्थापनास्थापना की।

पुणे में काम के दौरान बिहार से भी कई कॉल आने लगे और वहां भी HIV संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ने लगी। इसे ध्यान में रखते हुए 2 अक्टूबर 2010 को बिहार के पटना में संवाद हेल्पलाइन की स्थापना हुई। पिछले दो दशकों में संवाद हेल्पलाइन पर 6 लाख से अधिक कॉल आ चुके हैं और इस माध्यम से लाखों जिंदगियों को बचाया गया है।
2010-2016 के बीच हेल्पलाइन पर महिला कॉलर्स की संख्या मात्र 9% थी, जो अब बढ़कर 30% हो गई है। हेल्पलाइन का उद्देश्य सही और वैज्ञानिक जानकारी के माध्यम से लोगों की मदद करना है।
संवाद हेल्पलाइन बिहार के 38 जिलों में जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से इन बीमारियों के प्रति सजगता फैला रही है, जिससे सभी जिलों से कॉल आते हैं। हेल्पलाइन के माध्यम से HIV, TB, हेपेटाइटिस B&C, और STD से संबंधित दक्ष काउंसलरों द्वारा कॉल करने वालों को मदद प्रदान की जाती है। बीमारियों के प्रति वैज्ञानिक जानकारी, खानपान, खुद की देखभाल, और सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं की जानकारी व प्रक्रिया बताई जाती है। जिनके मन में भ्रांतियां हैं, उन्हें भी सही जानकारी देकर मदद की जाती है। बहुत से युवा भी कॉल करते हैं, जिसमें 26-40 वर्ष के बीच के लोग सबसे अधिक हैं।
HIV से प्रभावित कई मरीज मासिक स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ गहरी मानसिक चिंता से भी गुजरते हैं। उनमें अकेलापन, समाज और परिवार द्वारा भेदभाव का डर, असुरक्षा और अवसाद जैसी भावनाएँ लगातार बनी रहती हैं। कई बार यह भावनात्मक दबाव इतना बढ़ जाता है कि मरीज आत्महत्या के विचारों तक पहुँच जाते हैं। ऐसे कठिन समय में संवाद हेल्पलाइन के प्रशिक्षित काउंसलर्स उनके साथ जुड़कर नियमित काउंसलिंग प्रदान करते हैं, जिससे वे तनाव को कम कर सकें, जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित कर सकें और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ सकें। इस मानसिक समर्थन से मरीजों के जीवन में हौसला, आत्मविश्वास और उम्मीद की एक नई किरण पैदा होती है।
एचआईवी/एड्स के विषय में जानकारी के लिए संवाद हेल्पलाइन से संपर्क करें: 788-788-3889 (Mon to Sat, 9:30-5:30)
जब भी कभी दुविधा/तनावपूर्ण मनस्थिति में हो तो मेंटल हेल्पलाइन पर बात करने का प्रयास करें: 788-788-9882 (Mon to Sat, 12:00-8:00)

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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