बैंगलूरू में जीकेसी की शंखनाद यात्रा

कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई अहम भूमिका निभायी :डा. कुमार मानवेन्द्र
बैंगलूरू 29 नवंबर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से नयी दिल्ली में विश्व कायस्थ महासम्मेलन ‘उम्‍मीदों का कारवां’ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, जिसे लेकर जीकेसी दक्षिण भारत के प्रभारी आनंद कुमार सिन्हा और जीकेसी कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष डा. कुमार मानवेन्द्र की अध्यक्षता में कर्नाटक कार्यकारिणी समिति की महत्वपूर्ण बैठक में कार्यक्रम को तैयारी को लेकर समीक्षात्मक चर्चा की गयी।

इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि विश्व और देश पर कायस्थों द्वारा नेतृत्व करने का इतिहास किसी से छुपा नहीं है। इतना ही नहीं विश्व गुरू स्वामी विवेकानंद, स्वतंत्रता आन्दोलन के नायक सुभाष चन्द्र बोस या फिर देश में संपूर्ण क्रान्ति के अगुआ जयप्रकाश नारायण, राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री सहित अन्य कई विभूतियों ने विश्व एवं देश का न सिर्फ नेतृत्व किया बल्कि अध्याय बदलने का काम किया है। ऐसे में एक बार फिर संसदीय व्यवस्था में कायस्थों का शिखर पर आना बेहद आवश्यक हो गया है। उन्होंने 19 दिसंबर को महासम्मेलन में सभी से जोरदार भागीदारी की अपील की। बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में शिरकत करने आये पूर्व एडीजीपी, टेक्नॉलोजी एंड साइबर सेक्यूरिटी गुरू- टॉप मोटिवेशनल स्पीकर संजय सहाय ने कहा कि कायस्थ समाज के उत्थान के लिये उनसे जो भी मदद हो सकेगी वह उसके लिये तैयार हैं।

कायस्थ समाज के लोगों को एकजुट होने की जरूरत : आनंद सिन्हा

आनंद कुमार सिन्हा ने कहा, कायस्‍थ समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। मौजूदा राजनीतिक और समाजिक परिदृश्‍य में कायस्थ समाज की उपेक्षा की जा रही है। कायस्थ राजाओ, साम्राज्योँ और उनके साहसिक शासनकाल का अविष्मरणीय योगदान रहा है, जिसे कायस्‍थ समाज एक बार फिर दोहराएगा। हम सभी को फिर से एकजुट होने की जरूरत है।

डा.कुमार मानवेन्द्र ने कहा, कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है, लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है। जीकेसी महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती पूजा चंद्रा ने कहा, आज के दौर में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए।

कार्यक्रम की शुरूआत चित्रगुप्त बंदना और गणेश वंदना से की गयी। विमल पवार ने अपने गाये गीतों से लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन मधुर स्मृता ने किया।कोरोना वारियर्स को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रूपेश चंद्रा, स्वराज सिन्हा, निशु कमल, सुनील सिन्हा, सुभाषिणी स्वरूप, उत्कर्ष आनंद, पूजा आनंद, प्रशांत कुमार, मधुर स्मृता, सचिन सिन्हा , आशुतोष , राकेश , साक्षी , अनंत कुमार ,मनोज श्रीवास्तव, रितेश रंजन, राकेश बर्णवाल, नितेश, अभिषेक बह्रषि, अपूर्व, हर्ष,समेत कई गणमान्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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