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राजधानी पटना के शहरी क्षेत्र में एक अप्रैल यानी कल से डीजल वाले ऑटो का परिचालन नहीं होगा। एक अप्रैल से पूरी तरह सीएनजी ऑटो के परिचालन से डीजल वाले ऑटो बेकार हो जाएंगे। उधर, राजधानी में 20 प्रतिशत ऑटो अब तक सीएनजी में बदले नहीं जा सके हैं। शहरी क्षेत्र में लगभग 35 हजार ऑटो का परिचालन हो रहा है। डीटीओ की ओर से सिर्फ 919 चालकों को सीएनजी ऑटो खरीदने और सीएनजी किट लगाने के लिए अनुदान मिला है। सीएनजी ऑटो खरीदने के लिए 40 हजार और किट लगाने के लिए 20 हजार का अनुदान दिया गया है। दूसरी ओर ऑटो चालकों के संगठनों ने ऑटो को सीएनजी में बदलने के लिए तीन महीने का समय मांगा है। ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट फेडरेशन बिहार के महासचिव राजकुमार झा एवं ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि कोरोना के कारण काफी आर्थिक नुकसान उठाने वाले ऑटो चालक किसी तरह से जीवन पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे है। ऐसे में सरकार को चालकों के साथ सख्ती नहीं, बल्कि सहानुभूति के साथ पेश आना चाहिए। अगर ऑटो को सीएनजी में बदलने का समय नहीं दिया गया आगे की रणनीति तय करने के लिए 03 अप्रैल को पटना जंक्शन के पास स्थित टाटा पार्क में बैठक की जाएगी। पटना में शुक्रवार से डीजल वाले ऑटो के परिचालन पर रोक से सीएनजी की सप्लाई पर दबाव बढ़ेगा। राजधानी में सीएनजी आपूर्ति की जिम्मेदारी संभाल रही गेल इंडिया लिमिटेड ने सुचारू आपूर्ति की तैयारी की है। शहर में कई सीएनजी गैस स्टेशन खोले गए हैं लेकिन सीएनजी गाड़ियों की संख्या को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। अशोक राजपथ, अनीसाबाद, फुलवारीशरीफ, नाला रोड, बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रोड आदि इलाकों में सीएनजी स्टेशन नहीं हैं।