पटना, 25 नवंबर सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने प्रख्यात कथक नृत्यांगना श्रुति सिन्हा को सम्मानित किया है। श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट की डायरेक्टर और कथक नृत्यांगना श्रुति सिन्हा एक कार्यक्रम के सिलसिले में राजधानी पटना आयी थी। इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका और राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत डा.नम्रता आनंद ने श्रुति सिन्हा ने शिष्टाचार मुलाकात की। डा. नम्रता आनंद ने श्रुति सिन्हा को मोमेंटो और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं श्रुति सिन्हा ने यह सम्मान मिलने पर डा. नम्रता आनंद का शुक्रिया अदा किया है।

गौरतलब है कि स्वर्गीय पंडित मुन्ना लाल शुक्ला (कथक सम्राट स्वर्गीय पंडित बिरजू महाराज के भांजे) की शिष्या, दिल्ली कथक केंद्र से प्रशिक्षित एवं अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्यांगना श्रुति सिन्हा (निर्देशिका, सिपा कथक की कार्यशाला ले रही हैं। श्रुति सिन्हा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं, वह तबला, पखावज, गायन,योग के साथ नई दिल्ली दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार हैं। सिपा के बच्चों को कथक सिखाने के साथ गंधर्व महाविद्यालय से डिग्री भी प्रदान करती है। वह बच्चों में कथक के द्वारा सकारात्मक सोच एवम प्रोत्साहन और नई ऊर्जा का संचार करती रहती है। कला क्षेत्र में नए प्रयोग करती रहती हैं।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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