कोरोना महामारी में अधिकतर लोगों की जिंदगी बदल गयी। आर्थिक संकट आम बात हो गयी है। ऐसे में कई लोगों ने आपदा को अवसर में बदल लिया और उधार जैसी गलत चीजों को शुरू कर दिया। यानी महामारी के नाम पर उधारी लेकर उसे लौटाने में आनाकानी करने का गणित सेट किया और अपना अय्याशी जारी रखी।

कॉमेडियन प्रकाश जैश ने अपने नए शार्ट फ़िल्म में इसी ज्वलंत मुद्दे को अपने स्टाइल में उठाया है, जिसे दर्शक बेहद पसंद भी कर रहे हैं। फ़िल्म विजय लक्ष्मी भोजपुरी ट्यून से रिलीज हुआ है। विजय लक्ष्मी एंटरटेनमेंट प्रस्तुत इस फ़िल्म के लेखक और निर्देशक भी प्रकाश जैश ही हैं। उन्होंने इसमें खुद एक्ट किया है। उनका कहना है कि उधारी की लत गलत चीज है, इसलिए उधारी पर किसी को अपनी जिंदगी नहीं काटनी चाहिए। आज कई लोग ऐसा करते हैं और दूसरे से तो लेते ही हैं , अपनों को भी नहीं छोड़ते। इससे उनका नुकसान होता है – चाहे लड़की की शादी टूटे या कोई पैसों के अभाव में दम तोड़ दे। जो लोग भी ऐसा करते हैं, वे इस फ़िल्म को जरूर देखें और अपने अंदर बदलाव लाएं।

आपको बता दें कि विजय लक्ष्मी प्रोडक्शन के बैनर तले बनी उधारी बाबू में प्रकाश जैश के साथ वीर महाजन, रवि, ओ पी कश्यप, पुजा सिंह व अन्य मुख्य भूमिका में हैं। सह निर्देशक अमृत कुमार, पार्श्व संगीत सुनील पटनी, एडिटर संतोष यादव, डीओपी रंजीत कुमार सिंह और मेकअप जय शर्मा का है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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