राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 दिसंबर को कहा कि राष्ट्र हमेशा उन “बहादुर शहीदों” का आभारी रहेगा जिन्होंने 2001 के संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इक्कीस साल पहले 13 दिसंबर को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकवादियों ने संसद परिसर पर हमला किया और गोलियां चलाईं, जिसमें नौ लोग मारे गए।
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, “2001 में आज ही के दिन आतंकवादी हमले के खिलाफ संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को राष्ट्र श्रद्धांजलि देता है। हम वीरों के साहस और सर्वोच्च बलिदान के लिए हमेशा उनके आभारी रहेंगे।”
पीड़ितों में दिल्ली पुलिस के पांच कर्मी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक महिला जवान, दो संसद चौकीदार और वार्ड कर्मचारी और एक माली शामिल हैं। घायल पत्रकार की बाद में मौत हो गई। सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया गया।