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चंडीगढ़

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल ने गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब की झांकी को शामिल नहीं करने पर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा है।

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को केंद्र पर पंजाब और दिल्ली में आप सरकारों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।

गणतंत्र दिवस परेड जैसे आयोजनों में पंजाब की झांकी को हमेशा जगह मिलती है, जिसके जरिए हम वर्षों के अपने समृद्ध इतिहास, संस्कृति और विकास को पेश करते हैं। इस साल पंजाब को देश की आजादी की लड़ाई में पंजाबियों द्वारा दी गई कुर्बानियों से जुड़ा इतिहास पेश करना था। लेकिन पंजाब और दिल्ली, जहां आप का शासन है, को शामिल नहीं करने से भारत सरकार का आप के प्रति भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है,” श्री चीमा ने कहा।

विरोधी संघीय रवैया

आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने कहा, “गणतंत्र दिवस हमें संघवाद की भावना की याद दिलाता है। गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब की झांकी की अस्वीकृति ने केंद्र के संघ-विरोधी और पक्षपातपूर्ण रवैये को उजागर कर दिया है। यह केंद्र द्वारा पंजाब की संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्र के लिए अनगिनत योगदानों की एक कुंद बर्खास्तगी है।

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा: “यह जानकर स्तब्ध हूं कि भारत सरकार ने 74 वें गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंजाब की झांकी को खारिज कर दिया है। यानी हमें अपनी संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है! भारत सरकार से अपने फैसले की समीक्षा करने का आग्रह करते हुए, मैं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी अपील करता हूं कि वे जागें और इस मामले को भारत सरकार के सामने मजबूती से उठाएं।

शिअद के एक अन्य वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, ‘पंजाब देश की तलवार भुजा है। इसकी एक समृद्ध विरासत, संस्कृति और एक महान इतिहास है। देश की खाद्य जरूरतों के लिए इसका बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि गणतंत्र दिवस परेड में इसकी झांकी को शामिल नहीं किया जा रहा है. यह पूरी तरह से अनुचित है और इसकी समीक्षा करने की जरूरत है।” –

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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