भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ० निखिल आनंद ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर ऐलान करते हुए कहा कि भाजपा ओबीसी मोर्चा किसी भी प्रकार के धार्मिक आरक्षण का विरोध करती है l इंडी एलायंस ने सामाजिक न्याय को छद्म धर्मनिरपेक्ष राजनीति की बलि चढ़ा दी है। सवर्ण उच्च जाति के मुसलमानों को ओबीसी के भीतर आरक्षण देने की कोशिश का मुस्लिम पसमांदा समाज खुलकर विरोध करे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में निखिल आनंद के साथ बिहार भाजपा के मीडिया पैनलिस्ट श्री सुमित शशांक, श्री प्रभात मालाकार, कार्यालय मंत्री डॉ० प्रवीण चंद पटेल, सह कार्यालय मंत्री श्री सुग्रीव रविदास एवं अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ० निखिल आनंद ने देश के सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में एससी- एसटी- ओबीसी और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए संविधान प्रदत्त आरक्षण के प्रावधान को लागू करने की जरूरत महसूस करते हुए कहा कि इंडी एलायंस की धर्मनिरपेक्षता मूलतः धार्मिक तुष्टिकरण और मुस्लिमपरस्ती का ही पर्याय बनकर रह गई है। यही कारण है कि इंडी एलायंस ने सामाजिक न्याय को छद्म धर्मनिरपेक्ष राजनीति की बलि चढ़ा दी है। जिस तरीके से पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या और घुसपैठियों को भी ओबीसी आरक्षण के तहत लाभ दिया जा रहा है। कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में सभी मुसलमानों को ओबीसी घोषित कर दिया गया है। यह नीति देश के लिए विभाजनकारी है और इस नीति का भाजपा ओबीसी मोर्चा विरोध करती है। ओबीसी आरक्षण को छिन्न-भिन्न कर ध्वस्त करने कि यह कोशिश न सिर्फ गैर- संवैधानिक है बल्कि भारतीय सामाजिक न्याय की अवधारणा के भी सख्त खिलाफ है।
निखिल आनंद ने कहा कि मंडल कमीशन के तहत पहले से ही धार्मिक अल्पसंख्यक समाज की पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है ऐसे में जो भी इंडी एलाइंस से जुड़ी कांग्रेस- वामपंथी- राजद- सपा जैसे दल मुस्लिमों के लिए विशेष धार्मिक आरक्षण की बात करते हैं, वे सभी सामाजिक न्याय के विरोधी हैं। मुसलमानों के लिए धार्मिक आधार पर विशेष आरक्षण का प्रावधान करने की बात करके समस्त हिंदू ओबीसी समाज और मुस्लिम ओबीसी पसमांदा समाज की हकमारी की कोशिश की जा रही है। हम समस्त ओबीसी समाज से अपील करते हैं की ओबीसी आरक्षण को खत्म करने और ओबीसी की हकमारी करने की किसी भी कोशिश का पूरजोर विरोध करें।
निखिल आनंद ने सवर्ण मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण में शामिल करने का विरोध करते हुए मुस्लिम पसमांदा समाज की चुप्पी पर अफसोस जताया। निखिल ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि मुस्लिम ओबीसी पसमांदा समाज इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। यह पसमांदा समाज एक ओर ओबीसी के भीतर अपने पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण भी लेना चाह रही है और दूसरी तरफ सवर्ण मुसलमानों को ओबीसी घोषित किए जाने पर चुप्पी साधे हुए। जबकि सबको मालूम है कि नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फ़ीसदी विशेष आरक्षण का प्रावधान पहले से ही कर रखा है जिसके अंतर्गत हिंदू या मुसलमान सामान्य वर्ग के सभी गरीब वर्ग के लोग आरक्षण का लाभ ले सकते हैं।