कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा बिहार संगीत नाटक अकादमी पटना के संयुक्त तत्वावधान में प्रेमचंद रंगशाला पटना में बिहार दिवस के अवसर पर पांच दिवसीय महिला नाट्य उत्सव 2025 के चौथे दिन आज दिल्ली की नाट्य संस्थान सिली सोल्स के द्वारा हिंदी के प्रतिष्ठित नाटककार जयशंकर प्रसाद के ऐतिहासिक नाटक ध्रुवस्वामिनि का मंचन सुश्री प्रियंका शर्मा के निर्देशन में किया गया।

नाटक की कहानी गुप्त वंश के शासक रामगुप्त की पत्नी ध्रुवस्वामिनी के इर्द-गिर्द घूमती है। रामगुप्त एक दुर्बल और कायर राजा है, जो शक्ति और साहस के स्थान पर कूटनीति और स्वार्थ को प्राथमिकता देता है। शक साम्राज्य के आक्रमण के समय, अपनी प्रजा और राज्य को बचाने के लिए वह एक शर्मनाक संधि करता है—जिसके तहत वह अपनी पत्नी ध्रुवस्वामिनी को शकों के राजा के हवाले करने के लिए तैयार हो जाता है।
ध्रुवस्वामिनी इस निर्णय को स्वीकार नहीं करती और स्वयं को एक वस्तु की तरह सौंपे जाने का विरोध करती है। इसी बीच, रामगुप्त का वीर और पराक्रमी भाई चंद्रगुप्त ध्रुवस्वामिनी के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए आगे आता है। वह एक साहसी योजना के तहत शकों के शिविर में घुसकर उनके राजा को मार डालता है और विजय प्राप्त करता है।
इसके बाद ध्रुवस्वामिनी रामगुप्त के कायरतापूर्ण व्यवहार से घृणा करने लगती है और उसे पति मानने से इंकार कर देती है। वह घोषणा करती है कि एक नारी केवल पुरुष की संपत्ति नहीं होती, बल्कि उसे अपनी इच्छा से निर्णय लेने का अधिकार है। अंततः वह चंद्रगुप्त के साथ विवाह कर लेती है, जो न केवल एक वीर योद्धा है, बल्कि उसकी स्वतंत्रता और आत्मसम्मान का भी सम्मान करता है।

मंच पर
प्रियंका शर्मा, भानु प्रताप सिंह, अर्जुन सिंह, गिरीश बदलानी, शोभना भारद्वाज, राज तंवर, तृप्ति प्रकाश मिश्रा, अंकित, अविनाश मिश्रा, कपिल सारस्वत, अमन आर्य, राहुल रंजन, आदर्श, प्रवीण, संगीतकार -सुधीर रेखारी, प्रकाश परिकल्पना – हरिशंकर रवि, रूपसज्जा -जीतू ,
मंच परे- स्पर्श मिश्रा, आदित्य शशांक । साथ हीं, नुक्कड़ मंच पर लोक पंच नाट्य संस्थान के द्वारा नुक्कड़ नाटक “बेटी पढ़ कर क्या करेगी” का मंचन भी किया गया। मंच संचालन सुश्री अंकिता पल्लव के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में बिहार संगीत नाटक अकादमी के सचिव श्री अनिल कुमार सिन्हा, सहायक सचिव सुश्री कीर्ति आलोक, वरिष्ठ रंगकर्मी एवं अन्य प्रबुद्ध कलाकारगण उपस्थित थे।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है।

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