Bheed Box Office Collection Day 2: राजकुमार राव की फिल्म ने कमाए 37 लाख रु

वीडियो से अभी भी। (सौजन्य: राजकुमार_राव)

नयी दिल्ली:

भीडराजकुमार राव और भूमि पेडनेकर अभिनीत, रिलीज के पहले दिन धीमी शुरुआत देखी गई। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक, बॉक्स ऑफिस पर दूसरे दिन फिल्म के कलेक्शन में मामूली बढ़त देखी गई – भारत में 37 लाख रुपये। चाड स्टेल्स्की के साथ सामाजिक नाटक का टकराव हुआ जॉन विक अध्याय 4, कीनू रीव्स अभिनीत। तरण आदर्श ने अपने ट्वीट में अलग-अलग थिएटर चेन्स में दोनों फिल्मों के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन की पड़ताल की। उन्होंने ट्वीट किया, “#भीड राष्ट्रीय श्रृंखलाओं में… सप्ताह 1 – शनिवार… #PVR: 19 लाख #INOX: 11 लाख #सिनेपोलिस: 7 लाख कुल: 37 लाख रुपये।” बॉक्स ऑफिस पर जॉन विक 4 के प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ” #जॉनविक4 राष्ट्रीय श्रृंखलाओं में… पहला सप्ताह – शनिवार… #PVR: 2.88 करोड़ #INOX: 1.67 करोड़ #सिनेपोलिस: 1.10 करोड़ कुल: 5.65 करोड़ रुपये।”

नीचे देखें:

पहले दिन पर,भीड जबकि 29 लाख रुपये कमाए जॉन विक 4 पहले दिन 3.65 करोड़ रुपये कमाए। नीचे देखें:

अनुभव सिन्हा द्वारा अभिनीत,भीड भारत में 2020 COVID-19 लॉकडाउन की घटनाओं के दौरान सेट की गई एक काल्पनिक फिल्म है। फिल्म में दीया मिर्जा, आशुतोष राणा, पंकज कपूर और कृतिका कामरा भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

फिल्म को दर्शकों और क्रिटिक्स से अच्छे रिव्यू मिले थे। फिल्म समीक्षक सैबल चटर्जी ने एनडीटीवी के लिए अपनी समीक्षा में 5 में से 4 स्टार दिए। राजकुमार राव और पंकज कपूर के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने लिखा, “राजकुमार राव और पंकज कपूर उत्कृष्ट प्रदर्शन देते हैं जो फिल्म के प्रभाव को बढ़ाते हैं। ” उन्होंने कहा, “अन्य कलाकार – विशेष रूप से आशुतोष राणा, भूमि पेडनेकर, दीया मिर्जा और आदित्य श्रीवास्तव – कम प्रभावी नहीं हैं।”



By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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