यह स्टडी PLOS One में पब्लिश हुई है। इसमें कहा गया है कि टिकटॉक पर मौजूद सबसे पॉपुलर वीडियोज वजन घटाने का महिमामंडन करते हैं। इनमें वीडियोज को ऐसे प्रस्तुत किया जाता है कि खाना इंसान के स्वास्थ्य और उसे पतला करने का एक साधन है। रिसर्च में कहा गया है कि ये निष्कर्ष खतरनाक हैं और युवाओं में अव्यवस्थित खाने को बढ़ावा देते हैं।
रिसर्च में शामिल रहे एसोसिएट प्रोफेसर लिजी पोप ने कहा कि हर दिन लाखों किशोरों और युवाओं को टिकटॉक पर ऐसा कंटेंट परोसा जा रहा है। यह भोजन, पोषण और स्वास्थ्य की बहुत ही अवास्तविक और गलत तस्वीर पेश करता है। वजन घटाने के फेर में फंसे लोगों के लिए टिकटॉक एक मुश्किल भरा प्लेटफॉर्म हो सकता है। खासतौर पर उनके लिए जो युवा हैं।
पोषण के पैमाने पर टिकटॉक कंटेंट को परखने वाली यह पहली स्टडी है। रिसर्चर्स ने टिकटॉक के 10 ट्रेंडिंग हैशटैग और 100 वीडियोज का विश्लेषण किया, जो पोषण, भोजन और वजन से जुड़े थे। साल 2020 में जब यह स्टडी शुरू हुई, तब 10 ट्रेडिंग हैशटैग में हरेक को एक अरब से ज्यादा बार देखा गया था।
स्टडी की को-ऑथर मारिसा मिनादेओ ने कहा कि वजन से जुड़े सब्जेक्ट टिकटॉक पर इस तरह पॉपुलर होना हैरान करने वाला था। अरबों लोग इस प्लेटफॉर्म पर वजन से जुड़ा कंटेंट देख रहे थे। वहीं, लिजी पोप ने कहा कि लोगों की ऊंचाई के हिसाब से उनका वजन अलग-अलग होता है, जबकि वीडियोज में ऐसी बातों को अनदेखा किया जाता है।
रिसर्चर्स ने जिस कंटेंट को स्टडी किया, वह ज्यादातर महिला किशोरों और युवाओं ने तैयार किया था। रिसर्च कहती है कि ये क्रिएटर खुद को एक्सपर्ट के रूप में पेश करते हैं, जबकि उनमें से बहुत कम क्रिएटर ही एक्सपर्ट वाले मानदंडों को पूरा करते हैं।