Tata की कारों पर भारत के 250 से ज्यादा शहरों में Rs. 60 हजार तक की छूट, जानें कब तक रहेगी स्कीम

Tata Motors ने हाल ही में भारत में नेशनल एक्सचेंज कार्निवल (National Exchange Carnival) की घोषणा की। जैसे की ऑफर के नाम से पता चलता है, कंपनी देशभर में इच्छुक ग्राहकों को उनकी पुरानी गाड़ी को एक्सचेंज करने के बदले भारी छूट ऑफर कर रही है। कंपनी ने दावा किया है कि यूजर्स अपने पुराने वाहनों को एक्सचेंज कर नई गाड़ियों पर 60 हजार रुपये तक बचा सकते हैं।

Tata Motors ने हाल ही घोषित किया कि ग्राहक कंपनी के वाहनों पर 60,000 रुपये तक बचा सकते हैं। कंपनी ने इसके लिए नेशनल एक्सचेंज कार्निवल पेश किया है। इस स्कीम के तहत ग्राहक अपने नजदीकी डीलरशिप पर अपनी पुरानी कारों को एक्सचेंज कर नई टाटा कारों पर 60 हजार रुपये तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं।

Tata Motors की यह स्कीम 4 फरवरी, 2023 से शुरू हो चुकी है और 15 फरवरी, 2023 तक देश के 250 शहरों में उपलब्ध होगी।

घोषणा करते हुए टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड के सेल्स, मार्केटिंग और कस्टमर केयर के वाइस प्रेसिडेंट राजन अम्बा कहते हैं, “टाटा मोटर्स में, हम लगातार ग्राहकों की जरूरतों को समझने का प्रयास करते हैं और उन्हें एक सुखद अनुभव प्रदान करते हैं। इस योजना के अनुरूप, हम ग्राहकों के लिए 12-दिवसीय नेशनल एक्सचेंज कार्निवल शुरू करने की घोषणा कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “यह ग्राहकों को प्री-ओन्ड कार बिजनेस, टाटा मोटर्स एश्योर्ड के हमारे व्यापक नेटवर्क के जरिए उनकी मौजूदा कारों का मूल्यांकन प्रदान करेगा। मुझे विश्वास है कि नेशनल एक्सचेंज कार्निवल हमारे उपभोक्ताओं को उनकी पसंदीदा टाटा कार में आसानी से अपग्रेड करने में मदद करेगा, बदले में वे डिजाइन, ड्राइव और सुरक्षा के बेहतरीन संयोजन का अनुभव करेंगे।
 

By MINIMETRO LIVE

Minimetro Live जनता की समस्या को उठाता है और उसे सरकार तक पहुचाता है , उसके बाद सरकार ने जनता की समस्या पर क्या कारवाई की इस बात को हम जनता तक पहुचाते हैं । हम किसे के दबाब में काम नहीं करते, यह कलम और माइक का कोई मालिक नहीं, हम सिर्फ आपकी बात करते हैं, जनकल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है, निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने पौराणिक गुरुकुल परम्परा को पुनः जीवित करने का संकल्प लिया है। आपको याद होगा कृष्ण और सुदामा की कहानी जिसमे वो दोनों गुरुकुल के लिए भीख मांगा करते थे आखिर ऐसा क्यों था ? तो आइए समझते हैं, वो ज़माना था राजतंत्र का अगर गुरुकुल चंदे, दान, या डोनेशन पर चलती तो जो दान देता उसका प्रभुत्व उस गुरुकुल पर होता, मसलन कोई राजा का बेटा है तो राजा गुरुकुल को निर्देश देते की मेरे बेटे को बेहतर शिक्षा दो जिससे कि भेद भाव उत्तपन होता इसी भेद भाव को खत्म करने के लिए सभी गुरुकुल में पढ़ने वाले बच्चे भीख मांगा करते थे | अब भीख पर किसी का क्या अधिकार ? आज के दौर में मीडिया संस्थान भी प्रभुत्व मे आ गई कोई सत्ता पक्ष की तरफदारी करता है वही कोई विपक्ष की, इसका मूल कारण है पैसा और प्रभुत्व , इन्ही सब से बचने के लिए और निष्पक्षता को कायम रखने के लिए हमने गुरुकुल परम्परा को अपनाया है । इस देश के अंतिम व्यक्ति की आवाज और कठिनाई को सरकार तक पहुचाने का भी संकल्प लिया है इसलिए आपलोग निष्पक्ष पत्रकारिता को समर्थन करने के लिए हमे भीख दें 9308563506 पर Pay TM, Google Pay, phone pay भी कर सकते हैं हमारा @upi handle है 9308563506@paytm मम भिक्षाम देहि

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