यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज में हाल ही में एक पौधे पर स्टडी की गई है। यहां साउथ अफ्रीका में पाए जाने वाले डेजी यानि गुलबहार पौधे के बारे में एक रोचक जानकारी सामने आई है। डेजी पौधों में गॉरटेरिया डिफ्यूजा (Gorteria diffusa) नामक पौधे को स्टडी किया गया है जो पराग कण छोड़ने वाले कीड़ों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए फेक फ्लाइज़ यानि कि झूठमूठ की मक्खियां उड़ाता है। ये मक्खियां थ्री डाइमेंशनल (3D) यानि त्रिआयामी होती हैं जिनके उड़ने का केवल आभास होता है। असल में ये मक्खियां वहां होती ही नहीं हैं।
इस स्टडी को Current Biology जर्नल में प्रकाशित किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के प्रोफेसर बेवरली ग्लोवर के अनुसार, इस पौधे ने अपने लिए एक ऐसी जीन विकसित कर ली है जिसे मेक ए फ्लाई जीन कहा है। पहले से मौजूद जीन और इस नई ईजाद की हुई जीन के साथ यह ऐसी परिस्थिति पैदा करता है जिससे नर मक्खियां इसके फूलों की पत्तियों की तरफ आकर्षित होती हैं। जिससे इसे पॉलिनेशन यानि कि परागण में मदद मिलती है।
इसके पीछे का कारण भी समझ में आता है। स्टडी कहती है कि यह पौधा कठिन परिस्थितियों वाले मरुस्थल में उगता है। यहां बहुत कम बारिश होती है। छोटे से सीजन के दौरान इसे फूल भी लाने होते हैं, उनका परागण भी करना होता है, और मरने से पहले बीज में छोड़कर जाने होते हैं। इसलिए परिस्थिति के अनुसार इसमें एक ऐसी जीन पैदा हो गई है जिससे यह ज्यादा से ज्यादा नर मक्खियों को अपनी तरफ आकर्षित कर सके। यूनिवर्सिटी की प्रेस रिलीज में ये भी कहा गया है कि इस पौधे के इस प्रजाति को अस्तित्व में आए अभी बहुत अधिक समय नहीं हुआ है। दूसरी प्रजातियों से तुलना करें तो यह 20 लाख साल पुराना बताया गया है।
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